बॉबी देओल शायद अपने करियर के सबसे अच्छे दौर में हैं, उन्होंने 90 के दशक में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में (बरसात, गुप्त, सैनिक) दी इसके बाद अपने दूसरे फेज में वे सीरियस रोल से दर्शको के दिलों पर छा गए. ये  2000 के दशक का शुरुआती दौर था जब उन्होंने बादल, बिच्छू, अजनबी, हमराज़ जैसी सुपर डुपर हिट फिल्में की थी.  हालांकि, इतने सारे महत्वपूर्ण और व्यावसायिक हिट के बावजूद, बॉबी का करियर पिछले 2-3 वर्षों या यूं कहें काफी समय तक अधर में लटका रहा. लेकिन फिर थिएटर में 200 करोड़ की सुपरहिट हाउसफुल 4 से उन्होंने कमबैक किया. इसके बाद Class of 83 और वेब सीरीज ‘आश्रम’  ने उनकी लाइफ ही बदल दी. इस सीरीज में बेहतरीन काम के लिए बॉबी देओल को हाल ही में ‘दादा साहब फाल्के’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. बॉबी देओल ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने करियर के उतार-चढ़ाव और अब मिल रही इतनी सफलता के बारे में कई खुलासे किए हैं.


कभी नहीं सोचा था कि ‘दादा साहेब फालके’ पुरस्कार मिलेगा


दादा साहेब फालके पुरस्कार मिलने पर बॉबी देओल कहते हैं कि, “ये सब मेरे फैंस की वजह से है जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया और उन्ही की वजह से ये संभव हो पाया है. उन्होंने मेरी मेहनत देखी मेरा काम ‘आश्रम’ में देखा. मैं सोचता हूं कि मेरे काम में वेरिएशन है एक एक्टर के तौर पर. आश्रम को यूनिवर्सली प्यार मिला है. मुझे अवार्ड से सम्मानित किया गया है उसका मैं बहुत आभारी हूं. मैं जब ‘आश्रम’ कर रहा था तो मैने कभी नही सोचा  था कि मुझे अवार्ड मिलेगा या मैं अवार्ड के लिए काम कर रहा हूं. मैंने बस यही चाहा था कि लोग मेरे काम को पसंद करें. और मैं ये सोचता हूं कि आगे जाकर भी मैं बस अच्छा काम करता जाऊं. अवार्ड मिले या न मिले लेकिन लोग मेरे काम को पसंद करते जाएं. मैं अपने काम से सबको एंटरटेन करता जाऊं.



लाइफ का बेस्ट फेज चल रहा है


बॉबी देओल कहते हैं कि उनकी लाइफ में उन्होंने बहुत कुछ सीखा है. अपने पिता के करियर को देखकर भी बहुत सीखा है. स्टारडम कभी रहता है कभी नहीं. वे कहते हैं कि ब्लॉकबस्टर फिल्में देने के बाद भी उनका एटीट्यूड कभी नहीं बदला. लेकिन फिलहाल जो फेज चल रहा है वो उनकी लाइफ का सबसे बेस्ट फेज है. वे कहते हैं कि अब वे और ज्यादा फोकस, दृढ निश्चयी और कड़ी मेहनत के लिए ज्यादा एंबीशियस हो गए हैं.



घर पर खाली बैठना लाइफ का टर्निंग प्वाइंट था


वे कहते हैं कि मेरी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट वह था जब मैं घर पर खाली बैठा हुआ था और मेरे बच्चे भी हैरान थे कि पापा हमेशा घर पर ही क्यों होते हैं. ये वो मोमेंट था जब मुझे महसूस हुआ कि मुझे वास्तव में कड़ी मेहनत करनी है.  बॉबी कहते हैं कि इस इंडस्ट्री में आने वाले सभी युवा लड़कों और लड़कियों को वे कहना चाहते हैं कि इस इंडस्ट्री में टिके रहना बहुत आसान नही है. कभी भी हार नहीं माननी चाहिए खुद पर भरोसा रखना चाहिए. अगर आपके अंदर वो बात है तो यकीन मानिए सफलता जरूर मिलेगी. बॉबी कहते हैं कि यही सब उन्होंने सीखा है.



चैलेंजिंग रोल करना चाहते हैं बॉबी


बॉबी आगे कहते हैं कि वे आसान रोल नहीं करना चाहते हैं वे अपने कंफर्ट जोन से बाहर आकर रोल प्ले करना चाहते हैं. वे कहते हैं कि अलग-अलग रोल मिलना भी आसान नहीं है. सही तरह के सब्जेक्ट मिलना किसी स्ट्रग्ल से कम नहीं है. वे कहते हैं कि मैं बहुत लकी की मुझे ऐसे प्रोजेक्ट मिले हैं. मौके लाइफ में बहुत कम मिलते हैं अगर आप उनका फायदा नहीं उठाओगे तो फिर कुछ नहीं कर सकते हैं लाइफ में. मुझे इसका एक्सपीरियंस है. मुझे ऐसे मौके बहुत मिले लेकिन मैं उनका फायदा नहीं उठा पाया. लेकिन अब मैं और ज्यादा मेहनत करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं. ये मेरे करियर का बेस्ट टाइम है और मैं बहुत एक्साइटेड हूं. बॉबी देओल आगे कहते हैं कि सफलता और असफलता एक एक्टर की लाइफ के पार्ट होते हैं. लेकिन अब मैं फैसला कर चुका हूं मैं हार नहीं मानूंगा और जितना अच्छा कर सकता हूं काम करूंगा.


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