Sonu Sood A real Life Hero: सोनू सूद बने कई जरूरतमंदों के गॉडफादर, लोगों के मसीहा बनकर आये सामने
धूप कितनी भी तेज हो समंदर कभी सूखा नहीं करते. सोनू सूद किसी के लिए हैं फरिश्ता, तो किसी के लिए हैं ऐंजल, तो किसी के लिए है भगवान के यहां से भेजा गया कोई दूत.
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Sonu Sood Real Life Hero: हॉट, हैंडसम, डेसिंग और अब लोगों के मसाही बन चुके है बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood). कहते हैं कि भगवान नजर नहीं आते हैं लेकिन जब किसी की मदद करनी होती है तो वह किसी न किसी रूप में अपने भक्तों की मद्द के लिए किसी को भेज ही देते है. ऐसा कहना है उन लोगों का जो सोनू सूद को अपना भगवान मान चुके है. कोरोना काल में लोगों की मदद करके लोगों ने बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को अपना खुदा मान लिया है. सोनू की दबंगई ऐसी हर एक चीज़ से है, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है. सोनू सूद रील हो या रीयल एक ही रोल में फिट बेठते है और वो है मजबूर लोगों कि हेल्प करने वाला मसीहा यानी कि सबका हीरो.
द रीयल हीरो - बॉलीवड स्टार सोनू सूद एकदम से नहीं बल्कि उनके कामों की वजह से बन गए है आम जनता के गॉडफादर. कोरोना काल में आई महामारी की वजह से सभी को हर तरह की आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस दौरान जहां हर एक बेहतर शख्स ने एक-दूसरे कि मदद करने की कोशिश करी, तो वही लोगों की मदद के लिए एक हाथ ऐसा भी सामने आया जिसने बिना किसी क्रेडिट के लोगों कि बढ़ चढ़कर मदद करी और वह है सोनू जो हमेशा जरूरतमंद कि मदद के लिए तत्पर रहते है. सोनू आज बॉलीवुड का ऐसा चेहरा बन चुके है, जिन्हें पूरी दुनियां के लोग उनकी नेकी की वजह से प्यार और इज्जत कि नजरों से देखते है.
प्रवासियों को पहुंचाया घर – वैसे तो सोनू हर जरूरतमंद कि मदद के लिए तत्पर रहते है, लेकिन साल 2020 में कोरोना काल में सोनू सूद ने लिमिट से बाहर जाकर लोगों की खूब मदद की. आलम तो ये रहा कि कई लोगों ने सोनू को भगवान का दर्जा तक दे दिया है. सोनू ने लॉकडाउन में देश ही नहीं बल्कि विदेश में फंसे भारतीयों को भी वतन वापसी में मदद करी. इसके अलावा ट्रेन, बस यहां तक कि चार्टर्ड प्लेन भी लोगों को मुहैया करवाया. जिसके लिए जो भी साधन चाहिए था, वो सोनू ने लोगों के लिए उपलब्ध करवाया. उन्होंने जुलाई 2020 में कार्गिस्तान में फंसे लगभग 1500 से अधिक भारतिय छात्रों को बिश्केक से वाराणसी ले जाने के लिए चार्टर्ड प्लेन का इंतजाम भी कराया.
फिर से करी लोगों की मदद - लोगों की नजरों में भगवान का दर्जा पा चुके सोनू सूद ने कोरोना कि दूसरी लहर में भी लोगों कि खूब मदद करी. सोनू ने जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर्स और ऑक्सीजन बेड्स तक मुहैया कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.
सोनू पर उठे सवाल – जहां सोनू को आज कई लोग अपना भगवान मान चुके है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो सोनू के खिलाफ नजर आये. सोनू के इस बीइंग ह्यूमन बिहेवियर नेचर ने लोगों को चौंकाया भी, क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि ये जो कुछ भी सोनू भलाई का काम कर रहे है, वह अपना पीआर बढ़ाने के लिए कर रहे है, ताकि ज्यादा से ज्यादा उनकी फैन फॉलोइंग बढ़े.
सोनू की मदद से जुड़े किस्से - यह किस्सा है 25 जुलाई 2020 का, जब एक किसान की बेटियों का एक वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल हुआ. इस वीडियो में किसान की बेटियां खेत में जुताई बैल की जगह अपने कंधों पर हल रखकर जुताई करती नजर आई. जैसे ही सोनू के फउंडेशन सूद चैरिटी फाउंडेशन के लोगों कि नजर इस गरीब किसान की बेटियों पर पड़ी तब बिना किसी देरी के उनकी मदद के लिए टैक्टर भेज दिया.
सोनू ने करी एक छात्र की मदद – नसीर खान नाम के एक शख्स ने सोनू से सोशल मीडिया पर मदद मांगी. नसीर ने अपनी बच्ची की पढ़ाई के लिए मदद मांगी. नसीर ने सोनू से उसकी बच्ची की फीस भरने की गुजारिश की, क्योंकि कोरोना में पैसे ना होने कि वजह से कई लोगों का ऐसी परिस्थति से सामना करना पड़ा और नसीर उन लोगों में से एक थे. फिर क्या नसीर कि इस गुजारिश को सोनू ने पलक झपकते ही पूरा कर दिया और उन्हें ट्वीट करते हुए लिखा कि अब कभी भी स्कूल से फोन नहां आयेगा.
एक और किस्सा - एक और किस्सा सामने आया है. अब बिहार की एक बच्ची की मदद करके देवदूत बन गए है सोनू. चार पैर और चार हाथ के साथ जन्मी एक ढाई साल की बच्ची अब सिर्फ सोनू की वजह से सामान्य जीवन जी पाएगी. इस बच्ची की सर्जरी सूरत के एक अस्पताल में हुई. सर्जरी का पूरा खर्चा सोनू ने ही उठाया. डॉक्टर्स का कहना है कि सर्जरी के बाद बच्ची एक सामान्य जीवन यापन कर सकेगी. इसके अलावा सोनू अब जल्द ही चहुंमुखी के नाम से स्कूल भी खोलोंगे. इस नेक कार्य के लिए गांव के मुखिया ने सोनू को जमीन भी मुफ्त में दी है. ऐसे कई किस्से है और आते रहेंगे क्योंकि सोनू अब रुकने वालों में से नहीं है.
कैसे किया लोगों को कोरोना काल ने बेहाल - कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगने से सभी वर्ग के लोगों की ज़िंदगी पैसों कि तंगी आने से अस्त-व्यस्त हो गई. लेकिन सबसे ज्यादा कोरोना काल में दिहाड़ी मजदूर, प्रवासी कामगार और वर्कर्स प्रभावित हुए. कुछ लोगों कि आधी सैलरी आती थी, तो कुछ कि नौकरी तक छूट गई. ऐसे में एक वक्त ऐसा भी आया जब प्रवासी लोग हजारों मील दूर पैदल चलकर अपने घर तक पहुंचे. शमशान घाट में चारों तरफ चिताएं ही चिताएं थीं, वो मंजर देखकर किसी की भी आंखों में आंसू ला देने वाला रहा. कोरोना महामारी के दौरान ये सबसे खौफनाक मंजर था, जिसके बारे में सोचकर भी रूह कांप जाए. इस दौरान कुछ ऐसे लोग भी सामने आये जिन्होंने लिमिट से बाहर जाकर लोगों की खूब बढ़ चढ़कर मदद करी. कई सेलिब्रिटीज़ ने भी लोगों की खूब हेल्प करी, लेकिन ऐसे में लोगों के बीच एक फरिश्ता भी आया जिसने लोगों की मदद करके यह दिखा दिया कि अगर इंसान चाहे तो वह किसी वर्ग की मदद कर सकता है और वह है सोनू सूद. जिन्हें लोगों ने अपना मसीहा तक घोषित कर दिया.
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