The Struggle Of Prakash Jha: अपहरण (Apaharan), गंगाजल (Gangaajal) और राजनीति (Raajneeti) जैसी शानदार फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्देंशक प्रकाश झा आज के वक्त में बॉलीवुड (Bollywood) के बेहतरीन फिल्मकार हैं. प्रकाश झा ने अपनी फिल्मों के जरिये भारतीय राजनीति (Indian Politics) को बहुत ही बेहतर ढंग से पेश किया है. हालांकि इस शानदार फिल्म निर्देशक के बारे में शायद ही ये बात कोई जानता हो कि उन्हें अपने शुरुआती वक्त में काफी कड़ा संघर्ष करना पड़ा था. आइए जानते है प्रकाश झा के संघर्ष के बारे में.
प्रकाश झा का स्ट्रगल
आज भले ही प्रकाश झा एक दिग्गज फिल्मकार हों, लेकिन उन्होंने अपनी सफलता के सफर को बहुत ही कड़ी मेहनत और जुनून के साथ तय किया था. प्रकाश झा शुरू से फिल्म निर्देशक नहीं बल्कि एक पेंटर बनना चाहते थे. प्रकाश झा पेंटर बनने की तमन्ना के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी में चल रही बैचलर की पढ़ाई छोड़कर, मुम्बई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में पेंटिंग की कला को निखारने में व्यस्त हो गए. उन्हीं दिनों प्रकाश झा ने फिल्म ‘ड्रामा’ की शूटिंग देखी.
इस शूटिंग ने प्रकाश को इतना ज्यादा प्रभावित किया उन्होंने उसी वक्त फिल्म निर्देशक बनने का फैसला कर लिया. प्रकाश झा के पास उन दिनों पैसों की बहुत दिक्कत थी, उनके पिता भी उस वक्त उनसे नाराज थे और उनके पास महज तीन सौ रुपये थे, जो कि काफी जल्दी खत्म हो गए. उस मुश्किल वक्त में प्रकाश झा ने कई रातें फुटपाथ पर भी काटी हैं.
पिता ने नहीं की पांच साल तक बात
प्रकाश झा (Prakash Jha) अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए खुद एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा कर चुके है कि उनके पिता ने पूरे पांच साल तक उनसे बात नहीं की थी. इसके बाद धीरे-धीरे जब उन्हें काम मिलने लगा तो उनकी जिंदगी पटरी पर आ गई और आज उनकी गिनती फिल्म इंडस्ट्री (Film Industry) के टॉप निर्देशकों में की जाती है. आजकल वो अपने आनी वाली फिल्म को लेकर बिजी चल रहे है.
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