Faraaz Khan Tragic Story: 70's और 80's की फिल्मों में आपने एक लंबे-चौड़े कद-काठी वाले विलेन को देखा होगा. जो दिखने में बेहद हैंडसम थे लेकिन उन्हें फिल्मों में काम विलेन का ही मिला. ऐसा ही कुछ उनके बेटे के साथ भी हुआ जिन्हें 90's में विलेन के तौर पर देखा जाने लगा था.


पिता और बेटे ने फिल्म इंडस्ट्री से आखिरी समय तक जुड़े लेकिन कम उम्र में ही दोनों को ऐसी बीमारियां हुईं कि 50 की उम्र पार करने से पहले ही दोनों का अलग-अलग समय में देहांत हो गया था. यहां बात युसुफ खान और उनके बेटे फराज खान की हो रही है. 


कौन थे युसुफ खान?


1 मई 1940 को युसुफ अबुशेर खान का जन्म मिस्र में हुआ था. इनकी पढ़ाई-लिखाई वहीं से हुई लेकिन बचपन से उन्हें फिल्में देखना पसंद था. भारतीय फिल्में वहां बहुत मशहूर थीं और उन्हें हिंदी फिल्में देखना बहुत पसंद था. जब वो बड़े हुए तो मन बना लिया कि अब भारत जाकर फिल्में करेंगे. कुछ पैसे बटोरे और लगभग 24-25 साल की उम्र में मुंबई आ गए.




कद-काठी में काफी अच्छे दिखने वाले युसुफ खान को काम नहीं मिल रहा था. लगभग दो साल भटकने के बाद साल 1967 के आस-पास गीता प्रिया ने उन्हें अपनी फिल्म जंगल की हसीना (1969) आई जो सुपरफ्लॉप रही. इसके बाद भी उनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ लेकिन फिर महमूद की फिल्म बॉम्बे टू गोवा के ऑडिशन में युसुफ शेख पहुंच गए. युसुफ खान ने मुंबई में रहने वाली 27 मई 1970 को मुंबई में फरजाना नाम की लड़की से शादी की थी. इनसे उन्हें तीन बेटे हुए थे जिनमें से एक फराज खान थे.


युसुफ खान की फिल्में


महमूद ऑडिशन ले रहे थे और जब उनकी नजर युसुफ खान पर पड़ी तो उन्हें अपनी फिल्म के लिए सिलेक्ट कर लिया.फिल्म बॉम्बे टू गोवा (1972) में युसुफ खान ने बॉक्सर का रोल प्ले किया था और उनके साथ महमूद का फाइट सीन भी काफी फेमस हुआ था.


इसके बाद युसुफ खान को कई फिल्में मिलीं जिनमें से 'अमर अकबर एंथोनी', 'युवराज', 'दो फूल', 'नसीब', 'कर्ज' और 'डिस्को डांसर' जैसी सुपरहिट फिल्में हैं. इन फिल्मों में युसुफ खान अहम किरादारों में एक होते थे. लेकिन दुख की बात ये है कि फिल्म डिस्को डांसर उनके करियर की आखिरी फिल्म साबित हुई क्योंकि 1985 में उनका निधन हो गया था.


कौन थे फराज खान?


27 मई 1970 को मुंबई में फराज का जन्म युसुफ खान के बड़े बेटे के तौरपर हुआ था. फराज के दो छोटे भाई फहेद और फध्या खान हैं. फराज खान भी पिता की तरह बचपन से एक्टर बनना चाहते थे. फराज खान अपने पिता जैसे ही हैंडसम दिखते थे.




जब सूरज बड़जात्या अपनी फिल्म के लीड एक्टर के लिए ऑडिशन ले रहे थे तो वहां 50-60 लड़के पहुंचे जिसमें फराज खान, सलमान खान और दीपक तिजोरी जैसे एक्टर्स शामिल हैं. मजे की बात ये है कि फराज खान का लुक देखकर सूरज बड़जात्या ने उन्हें सिलेक्ट कर लिया और सलमान खान को शॉर्टलिस्ट में रखा. 


फराज खान की फिल्में


फराज खान के हाथ से किसी वजह से फिल्म मैंने प्यार किया निकल गई. उनकी पहली हिट फिल्म फरेब थी. इसके बाद उन्होंने फिल्म मेहंदी (1999) आई जिसमें वो लीड एक्टर थे लकिन निगेटिव किरदार था और रानी मुखर्जी ने सारा क्रेडिट ले लिया. इसके बाद फराज की पहचान विलेन के तौर पर मिल गई. इसके बाद फराज ने कुछ फिल्में कीं लेकिन फ्लॉप रहे और फिर उन्होंने टीवी की तरफ रुख किया. कुछ टीवी सीरियल किए लेकिन साल 2010 के बाद से अक्सर बीमार रहने लगे और फिर उनका भी निधन हो गया था.



युसुफ खान और फराज खान का निधन कैसे हुआ?


साल 1985 की बात है जब युसुफ खान किसी फिल्म की शूटिंग के लिए हैदराबाद गए थे. शूटिंग में उनका शॉट आना था और वो तैयार हो रहे थे. जब युसुफ चलकर अपने लोकेशन पर आ रहे थे तभी उनके पैर लड़खड़ाए और वो गिर गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब युसुफ खान को अस्पताल पहुंचाया गया तब डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बताया गया था कि उनके दिमाग में कोई बीमारी पनप रही थी जिसने ब्रेन हैमरेज का रूप ले लिया था. महज 45 साल की उम्र में युसुफ खान अपने पीछे बीवी और बच्चों को छोड़ गए थे.


कुछ ऐसा ही फराज खान के साथ भी हुआ था. साल 2010 के बाद से अक्सर वो बीमार रहने लगे थे और अक्सर घर पर ही रहते थे. साल 2019 के आस-पास फराज खान को बैंगलुरू के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनके इलाज में करीब 25 लाख रुपये लगने थे जब ये बात सलमान खान को पता चली तो उन्होंने फराज खान का पूरा बिल पे किया. जब वो ठीक महसूस करने लगे थे तभी 4 नवंबर 2020 को उनके निधन की खबर आई. बाद में ये बात सामने आई कि फराज के फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया था जो उनके दिमाग तक पहुंच गया था. महज 50 साल की उम्र में उनका अपने पिता जैसा हाल हुआ.


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