Jai Santoshi Maa Unknown Facts: आज कहानी एक ऐसी फिल्म की, जिसे रिलीज होने के बाद शुरुआती तीन दिन की कमाई देखकर फ्लॉप मान लिया गया था. एक ऐसी फिल्म, जिसने देश में 33 कोटि देवी-देवताओं में एक नई देवी को ऐसी मान्यता दिला दी कि उन्हें घर-घर पूजा जाने लगा. एक ऐसी फिल्म, जिसने बिना किसी ट्रेंड के इतनी जबर्दस्त कमाई की कि तमाम रिकॉर्ड उसके सामने धराशायी हो गए. दरअसल, बात हो रही है 1975 में रिलीज हुई फिल्म जय संतोषी मां की, जो महज 30 लाख रुपये में बनी थी. इस फिल्म ने पांच करोड़ रुपये कमाए थे. इसके बावजूद फिल्म के प्रॉड्यूसर को एक भी पैसा नहीं मिला और उन्हें खुद को दीवालिया घोषित करना पड़ गया. आखिर क्या था यह मसला और ऐसा क्यों हुआ? आइए जानते हैं इस स्पेशल रिपोर्ट में...


शोले को दी थी कड़ी टक्कर


साल 1975.. यह वही साल है, जब शोले रिलीज हुई थी और धमाल मचा रही थी. उस दौरान फिल्म जय संतोषी मां ने बिना किसी बड़े स्टार की मौजूदगी के ही बंपर कमाई की और शोले को कड़ी टक्कर दी थी. बता दें कि फिल्म जय संतोषी मां 30 मई 1975 के दिन रिलीज हुई थी. इस फिल्म ने मुंबई के एक सिनेमाहॉल में पहले शो से महज 56 रुपये कमाए थे. दूसरे शो से 64 रुपये की कमाई हुई, जबकि तीसरे शो में यह आंकड़ा बमुश्किल 100 रुपये तक पहुंच पाया था. आलम यह था कि ट्रेड पंडितों ने इस फिल्म को फ्लॉप बता दिया था. हालांकि, इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि लोग झुंड बनाकर यह फिल्म देखने के लिए पहुंचने लगे. थिएटर्स हाउसफुल होने लगे. 


फिल्म ने बनाए थे कई रिकॉर्ड 


डायरेक्टर विजय शर्मा की इस फिल्म में एक्ट्रेस अनीता गुहा ने माता संतोषी का किरदार निभाया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि मुंबई के बांद्रा में मायथोलॉजी फिल्मों को कोई पूछता तक नहीं था. वहां उससे पहले कोई भी धार्मिक फिल्म कमाई नहीं कर पाई थी, लेकिन जय संतोषी मां फिल्म बांद्रा के ही सिनेमाघर में 50 हफ्ते चली थी. आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि उस जमाने में यह बड़ा रिकॉर्ड था. 


कुछ नहीं आया प्रॉड्यूसर के हाथ


फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े जानकार बताते हैं कि जय संतोषी मां फिल्म का बजट महज 30 लाख रुपये था. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब पांच करोड़ रुपये कमाए थे, लेकिन यह पैसा मेकर्स को मिला ही नहीं. दरअसल, जय संतोषी मां फिल्म को खरीदने के लिए कोई डिस्ट्रिब्यूटर तैयार नहीं था. ऐसे में केदारनाथ अग्रवाल और संदीप सेठी आगे आए और उन्होंने यह फिल्म डिस्ट्रिब्यूट करने का फैसला किया. कहा जाता है कि जब फिल्म ने बंपर कमाई की तो केदारनाथ के भाइयों ने गड़बड़ी की और पूरा पैसा हड़प लिया. ऐसे में प्रॉड्यूसर सतराम रोहरा ने खुद को दीवालिया घोषित कर दिया. वहीं, केदारनाथ के हाथ भी कुछ नहीं लगा.


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