(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
लता मंगेशकर के दिए हुए पेन से गीतकार आनंद बक्शी ने लिखा था ये अमर गीत
जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं गीत फिल्म आपकी कसम के लिए आनंद बक्शी ने लिखा था. सरल और आसान शब्दों से सजे इस गीत में गहरा दर्शन और चिंतन झलकता है. लता मंगेशकर के दी हुई कलम से आनंद बक्शी ने ऐसा लिखा जो सुनने वाले को सोचने को मजबूर कर देता है.
नई दिल्ली: बॉलीवुड गीतकार आनंद बक्शी को गीतों का राजकुमार कहा जाता है. आनंद बक्शी ने 4 दशकों तक बॉलीवुड पर राज किया. 600 से अधिक फिल्मों में उन्होनें 4 हजार से अधिक गीत लिखे. उन्होने सैकड़ों सुपर हिट गीत लिखे, लेकिन एक गीत उन्होनें ऐसा भी लिखा जो उनकी कलम से नहीं लिखा गया लेकिन वो गीत बेहद सुपर हिट हुआ. यह गीत आज भी हिंदी के सदाबहार गीतों में शुमार है. ये गीत है ' जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मुकाम वो फिर नहीं आते...वो फिर नहीं आते'.
इस गीत से जुड़ा एक बेहद रोचक किस्सा है. सवाल उठता है कि जब आनंद बक्शी ने इसे अपनी कलम से नहीं लिखा तो फिर किसकी कलम से लिखा ये गीत लिखा गया. इसका जवाब ये है कि जिस कलम से आनंद बक्शी ने ये सदाबहार गीत लिखा था दरअसल वो पेन (कलम) था भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर का, जिसे उन्होनें आनंद बक्शी को एक मौके पर उपहार में दिया था.
लता मंगेशकर, आनंद बक्शी के गीत और उनकी जिंदादिली से बेहद प्रभावित थीं. आनंद बक्शी ने अपने 40 साल के फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक गीत लिखे. आनंद बक्शी को उनके गीतों के लिए 40 बार फिल्म फेयर के लिए नोमिनेट किया गया. एक्टर राजेश खन्ना के सुपर स्टार बनने के पीछे आनंद बक्शी के गीतों का बहुत बड़ा योगदान है. राजेश खन्ना की 'आराधना', 'कटी पतंग', 'अमर प्रेम', 'नमक हराम', 'आपकी कसम' कुछ ऐसी फिल्में हैं जिनके गीत आज भी लोग सुनते हैं और गुनगुनाते हैं.
'जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं' गीत फिल्म 'आपकी कसम' के लिए आनंद बक्शी ने लिखा था. सरल और आसान शब्दों से सजे इस गीत में गहरा दर्शन और चिंतन झलकता है. लता मंगेशकर की दी हुई कलम से आनंद बक्शी ने ऐसा गीत लिखा जो सुनने वाले को सोचने पर मजबूर कर देता है.
आनंद बक्शी का यह गीत सुपर हिट साबित हुआ. इस गीत से पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने आनंद बक्शी से वो पेन (कलम ) देने का आग्रह किया जिससे 'आपकी कसम' का सुपर हिट गीत लिखा था. आनंद बक्शी ने उनसे कहा कि वो पेन तो नहीं दे सकते हैं क्योंकि वह पेन लता मंगेशकर ने दिया है, लेकिन अगले ही दिन आनंद बक्शी ने ठीक वैसा ही पेन जावेद अख्तर के घर गिफ्ट के तौर पर भिजवाया. इस पेन (कलम ) को जावेद अख्तर आज भी सहेजकर रखे हुए हैं.