'ब्लैकमेल' एक्टर अरूणोदय सिंह ने कहा- बॉलीवुड मुझे कमतर आंकता है
अरुणोदय ने अपना अभिनय करियर 'सिकंदर' से शुरू किया था और उसके बाद वह 'आयशा', 'जिस्म 2' और 'मैं तेरा हीरो' जैसी कई फिल्मों में नजर आए.
नई दिल्ली: अभिनेता अरुणोदय सिंह वर्ष 2009 से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं, लेकिन वह महसूस करते हैं कि उनकी प्रतिभा का बहुत कम उपयोग किया गया है और बॉलीवुड उन्हें कमतर आंकता है. अरुणोदय ने अपना अभिनय करियर 'सिकंदर' से शुरू किया था और उसके बाद वह 'आयशा', 'जिस्म 2' और 'मैं तेरा हीरो' जैसी कई फिल्मों में नजर आए. उनका कहना है कि प्रमुख भूमिका वाली फिल्में हासिल करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि वह बहुत अभी चर्चित नहीं हुए हैं.
कुछ समय पहले ही अरूणोदय की फिल्म ब्लैकमेल रिलीज हुई है जिसे काफी पसंद किया जा रहा है. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई भी कर रही है.
नौ साल के करियर में उन्होंने कुछ ही फिल्में की हैं, ऐसा क्यों? इस सवाल पर अरुणोदय ने कहा, "मैं एक अच्छा अभिनेता हूं, लेकिन मैं बहुत चर्चित नहीं हूं. मेन रोल वाली फिल्में हासिल करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि मैंने बॉक्स ऑफिस पर उस स्तर की कामयाबी हासिल नहीं की है, इसका कारण यही है."
उन्होंने कहा, "ये चीजें कमाई पर आधारित हैं. इसलिए भूमिकाओं के संदर्भ में मेरे लिए सीमित विकल्प हैं."
क्या आप मानते हैं कि बॉलीवुड ने आपकी प्रतिभा का पूरा इस्तेमाल नहीं किया है? इस सवाल पर अरुणोदय ने कहा, "हां, मेरा पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया है यह सच है.. लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं पूरी तरह से अभी समझ पाया हूं कि मैं क्या करने में सक्षम हूं. बॉलीवुड मुझे कमतर आंकता है और मैं भी खुद को कमतर आंकता हूं." अरुणोदय के अनुसार, "एक दिन हम दोनों इससे बाहर निकल आएंगे."
अरुणोदय फिल्मों में रोमांटिक कॉमेडी, रोमांटिक थ्रिलर, कामुक थ्रिलर, रोमांटिक एक्शन कॉमेडी, अपराध और सोशल ड्रामा जैसी विभिन्न शैलियों में नजर आए हैं.
लेकिन उन्होंने कहा कि वह चाक और चीज की तरह अलग-अलग शैलियों के चुनाव के दौरान कभी भी असहज नहीं हुए. फिल्मों के अलावा अरुणोदय की कविता लिखने में काफी दिलचस्पी है. वह अक्सर इंस्टाग्राम पर अपनी कविताओं के साथ नजर आते हैं.
क्या कभी वह अपनी कविताओं पर एक किताब प्रकाशित करेंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "मेरे पास कविताओं की कई किताबें हैं, जो एक प्रकाशक का इंतजार कर रही हैं जिसके पास इन्हें प्रकाशित करने का जज्बा हो. मैं कुछ लोगों से मिला लेकिन बैठकें वास्तव में सकारात्मक नहीं थीं. इससे दिल दुख जाता है. लेकिन मैं मानता हूं कि आपको लगातार काम करते रहना चाहिए, जिससे चीजें बेहतर होती रहेंगी."