आज टीचर्स डे है. आम आदमी से लेकर बड़ी हस्तियां अपने जीवन अहम प्रभाव डालने वाले टीचर को याद कर रहे हैं. एक्टर बोमन ईरानी ने भी अपने टीचर्स को याद किया है. बोमन की जर्नी भी हमें बहुत कुछ सिखाती है. बोमन जब 44 साल के थे, तब उन्होंने फिल्म 'डरना मना है' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था और 'खोसला का घोसला', 'लगे रहो मुन्नाभाई', 'ब्लफमास्टर' और '3 इडियट्स' जैसी सुपरहिट फिल्में दी.


बोमन ने अपने बॉलीवुड में दो यादगार टीचर्स के किरदार लोगों को दिए हैं. पहला, फिल्म '3 इडियट्स' में वीरू सहस्त्रेबुद्धे और दूसरा 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' में डीन अस्थाना. टीचर डे के मौके पर उन्होंने अपने लाइफ के टीचर के बारे में बताया. उन्होंने कहा,"मुझे हर दिन टीचर मिलते हैं. यह एक बच्चा भी हो सकता है जिससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं."


टैक्सी ड्राइवर से सीखा


बोमन ने आगे कहा," विशेष तौर पर जब मैं विदेश जाता हूं और टैक्सी में बैठता हूं, मुझे टैक्सी ड्राइवर से सीखने को मिलता है. वह बात करने के लिए मरे जाते हैं. वह हर दिन कई लोगों से मिलते हैं. हर टाइम रेडियो सुनते हैं इस वजह से वह राजनीति को जानते हैं, मानव व्यवहार को समझते हैं. इसकी वजह से वह मनोवैज्ञानिक तौर पर काफी मजबूत होते हैं."


अपने ग्राहकों से बहुत कुछ सीखा


वह अपनी लाइफ में कई लोगों से मिले हैं, क्योंकि वह वेफर शॉप के मालिक थे. बोमन ने उन दिनों को याद किया. उन्होंने कहा,"मैं इस शॉप पर अपने बचपने 1979 से 1994 तक बैठा. मैंने अपने ग्राहकों से बहुत कुछ सीखा.मैं कई किरादारों को यहा और वहां देखता था. रियल लाइफ में टीचर कहीं से भी आ सकते हैं. वह लिफ्ट में मिला कोई शख्स हो सकता है, जो आपको दुनिया को समझने का अलग नजरिया दे सकता है. मेरी मां एक अद्भुत टीचर थी. वह कोई पॉपुलर महिला नहीं थी."


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