बोमन ने बताया, "कुछ लोग कहेंगे कि मैं अर्थहीन सिनेमा करता हूं, लेकिन जब तक मेरे दर्शक खुश होंगे और उन्हें अपने पैसे वसूल लगेंगे, मैं तब तक खुश हूं." अभिनेता फिलहाल 'झलकी' की तैयारियों में व्यस्त हैं. इसमें वे नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का किरदार निभा रहे हैं. इस फिल्म में 'बाल श्रम और शोषण' के मार्मिक मुद्दों को उठाया गया है.
'झलकी' में काम करने के लिए उन्होंने मात्र 10 मिनट में हामी भर दी. 'फैमिली टाइज', 'महात्मा वर्सेज गांधी' और 'आई एम नॉट बाजीराव' जैसे नाटक करने वाले अभिनेता ने कहा, "जब इस फिल्म की बात आई, मुझे सच में लगा कि बालश्रम एक ऐसा विषय है, जिस पर हमने कोई गंभीर काम नहीं किया है. इसलिए मैं 10 मिनट बात करने के बाद ही इस फिल्म मैं काम करने के लिए राजी हो गया."
उन्होंने कहा, "इस फिल्म ने मुझे सत्यार्थी के बारे में बात करने का मौका दिया. मैं ये करने के लिए इसलिए राजी हुआ, क्योंकि हमें उन जैसे धर्मयोद्धा का सम्मान करना चाहिए." बॉलीवुड के नए कलाकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छा होगा कि वे अपने काम पर ध्यान दें और बॉलीवुड की राजनीति में न फंसें.