फिल्म ‘जीरो’ के निर्माताओं और अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ दायर याचिका पर बंबई हाई कोर्ट 30 नवम्बर को सुनवाई करेगा. इस याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म के ट्रेलर से सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं.
वकील अमृतपाल सिंह खालसा ने इस महीने की शुरुआत में याचिका दायर कर कोर्ट से फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं को उस दृश्य को हटाने का निर्देश देने को कहा था, जिसमें शाहरुख ‘कृपाण’ पहने दिखते हैं.
याचिका में केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से भी फिल्म को प्रमाणपत्र ना देने और अगर दे दिया गया है तो उसे रद्द करने की अपील की गई है. खालसा ने सोमवार को न्यायमूर्ति बी पी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एस वी कोतवाल की एक खंडपीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया, जिन्होंने इस पर सुनवाई के लिए 30 नवम्बर की तारीख तय की .
याचिका में कहा गया है कि फिल्म के ट्रेलर में शाहरुख खान बनियान और शॉर्ट्स के साथ गले में 500 के नोटों की माला पहने और गले में तिरछी ‘कृपाण’ डाले नजर आ रहे हैं. खालसा का कहना है कि कृपाण सिर्फ ‘रहमत मर्यादा’ (सिख धर्म अपनाने) के बाद ही पहनी जाती है.
मेकर्स ने दी थी सफाई
शाहरुख खान की फिल्म जीरो इससे पहले भी विवादों में आई थी. जब दिल्ली से अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने शाहरुख खान और अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. इसे लेकर फिल्म मेकर्स की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया था कि फिल्म में किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को आहत नहीं किया गया है.
निर्माताओं ने अपने बयान में कहा गया, ''फिल्म की टीम आपकी भावनाओं का सम्मान करती है और फिल्म में कृपाण को नहीं दिखाया गया है. फिल्म मेकर्स सभी समुदायों की भावनाओं का सम्मान करते हैं. इस फिल्म के अंदर कहीं भी सिख समुदाय की भावनाओं का खास खयाल रखा गया है. ये फिल्म जिंदगी के जश्न को दर्शाती है. हमें उम्मीद है कि फिल्म में दिखाए जिंदगी के इस जश्न का आप भी स्वागत करेंगे.''