गैर जमानती वारंट को खारिज कराने कोर्ट पहुंचे रेमो डिसूज़ा, अदालत ने कही ये बात
रेमो डिसूजा ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत की मांग करते हुए इस हफ्ते की शुरुआत में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, ताकि वो उत्तर प्रदेश की अदालत का रुख कर सके और वारंट रद्द करा सके.
मुंबई: बंबई हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में बॉलीवुड कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश की एक अदालत द्वारा जारी किया गैर जमानती वारंट अभी मुंबई पुलिस के पास नहीं पहुंचा है और इस समय उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
डिसूजा पूर्व में कई बार सम्मन किए जाने के बावजूद अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए थे, जिसके बाद 23 अक्टूबर को गाजियाबाद की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कोरियोग्राफर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
डिसूजा ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत की मांग करते हुए इस हफ्ते की शुरुआत में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, ताकि वो उत्तर प्रदेश की अदालत का रुख कर सके और वारंट रद्द करा सके.
न्यायमूर्ति के के तातेड की अवकाशकालीन पीठ ने बुधवार को उनकी याचिका पर सुनवाई की. अतिरिक्त लोक अभियोजक जयेश याग्निक ने अदालत को बताया कि मुंबई में उपनगर अंबोली पुलिस थाने को गाजियाबाद के पुलिस थाने से कोई वारंट नहीं मिला है. इसलिए इस समय डिसूजा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का सवाल ही नहीं है.
न्यायमूर्ति तातेड ने बयान को स्वीकार कर लिया और याचिका खारिज कर दी. एक कारोबारी सत्येंद्र त्यागी ने 2016 में गाजियाबाद के सिहानी गेट पुलिस थाने में डिसूजा के खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था. कारोबारी ने दावा किया कि कोरियोग्राफर ने उसके साथ पांच करोड़ रुपये की ठगी की है.
त्यागी ने दावा किया कि डिसूजा ने एक फिल्म ‘अमर...मस्ट डाई’ में निवेश करने के लिए उससे पांच करोड़ रुपये लिए और फिल्म की रिलीज के बाद बदले में दोगुना पैसा देने का वादा किया. हालांकि, फिल्म की रिलीज के बाद डिसूजा ने कथित तौर पर पैसा लौटाने से इनकार कर दिया और एक गैंगस्टर के जरिए त्यागी को धमकाया.
इस मामले की सुनवाई गाजियाबाद में एक मजिस्ट्रेट अदालत में चल रही है.