मलाड में सुपुर्द-ए-खाक हुईं कोरियोग्राफर सरोज खान,दिल का दौरा पड़ने से हुआ था निधन
मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान की दिल का दौरान पड़ने के चलते निधन हो गया.जानकारी के मुताबिक सरोज खान शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 1.52 मिनट पर आखिरी सांस ली. इ
बॉलीवुड की जानी मानी कोरियोग्राफर सरोज खान की दिल का दौरा पड़ने के चलते मौत की खबर आ रही है. जानकारी के मुताबिक सरोज खान ने शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 1.52 मिनट पर आखिरी सांस ली. इससे पहले सरोज खान को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद 20 जून को बांद्रा स्थित गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
जहां उनका कोरोना वायरस को लेकर टेस्ट भी करवाया गया था जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. परिवार की ओर से लगातार ये कहा जा रहा था कि उकी हालत में सुधार हो रहा था. लेकिन अब अचानक बीती रात उनकी तबीयत बिगड़ी औऱ दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई.
उनके रिश्तेदार मनीष जगवानी ने कहा, ‘‘ देर रात करीब ढाई बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका अस्पताल में निधन हो गया.’’ उपनगरीय मलाड में एक कब्रिस्तान में शुक्रवार सुबह ही उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया. उनकी बेटी सुकैना खान ने कहा, ‘‘सुबह करीब सात बजे उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया. तीन दिन बाद एक प्रार्थना सभा रखी जाएगी.’’निधन पर बॉलीवुड ने जाताया शोक
उनकी मौत के बाद गम में डूबा बॉलीवुड भी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. अक्षय कुमार से लेकर महानायक अमिताभ बच्चन ने सरोज खान को सोशल मीडिया के जरिए श्रद्धांजलि दी है. अक्षय कुमार ने उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि वो बॉलीवुड को अपनी उंगलियों पर नचाना जानती थी. अमिताभ बच्चन ने सुबह सुबह सरोज खान जी को याद करते हुए लिखा, 'हाथ जुड़े हैं मन उदास है.' साथ ही अमिताभ बच्चन ने एक तस्वीर साझा की है जिसमें अंधेरे में रोशनी की एक किरण आती दिखाई दे रही है.
निजी जीवन में किया स्ट्रगल
फिल्मों में आने से पहले वह बैकग्राउंड डांसर थीं. उन्होंने 1950 के दशक के मशहूर कोरियाग्राफर बी. सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली थी और बाद में इन्हीं के साथ शादी कर ली. बी. सोहन लाल से सरोज से 30 साल बड़े थे. शादी के दौरान सरोज खान 13 साल की थी. इतना ही नहीं, शादी से पहले सरोज ने इस्लाम धर्म भी कबूल किया. उनका असली नाम निर्मला नागपाल था.
सरोज खान की निजी जिंदगी की बात करें तो उनका जन्म 22 नवंबर 1948 में निरमला नागपाल के रूप में हुआ था. उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी. तीन साल की उम्र में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम शुरू किया था.
जीते कई अवॉर्ड
साल 2003 में रिलीज हुई फिल्म 'देवदास' के सॉन्ग डोला रे डोल के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला. इसके अलावा साल 2006 में आई फिल्म 'श्रीनगरम' के सभी गानों और साल 2008 में आई 'जब वी मेट' के लिए यह इश्क हाए के लिए भी नेशनल अवार्ड मिला.
बयानों को लेकर रही विवादों में
पनी कोरियोग्राफी के साथ-साथ सरोज खान अपने बोल्ड स्टेटमेंट्स के चलते भी सुर्खियों में रहती थी. सरोज खान ने कास्टिंग काउच से लेकर कॉन्टेंपरेरी कोरियोग्राफर्स को लेकर अपनी राय सबके सामने रखी.
सरोज खान फिल्म इंडस्ट्री में होने वाले कास्टिंग काउच को लेकर दिए अपने बयान के चलते सुर्खियों में आ गई थी. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच होता है लेकिन रेप नहीं होता. उन्होंने कहा था कि इस इंडस्ट्री में कोई भी आपसे जबरदस्ती नहीं करता, आप जो करते हैं अपनी मर्जी से करते हैं. हालांकि बाद में सरोज खान को अपने इस बयान के चलते काफी विरोध झेलना पड़ा था.
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