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#Padmaavat विवाद : सीएम खट्टर ने दी सिनेमा घर मालिकों को फिल्म न दिखाने की सलाह
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बायन जारी किया है. सीएम खट्टर ने सिनेमा हॉल मालिकों को फिल्म न दिखाने की सलाह दी है.
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नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को लेकर विरोध लगातार जारी है. रिलीज डेट के नजदीक आने से प्रदर्शन और भी उग्र होता जा रहा है. उग्र होते प्रदर्शन से सिनेमा हॉल मालिकों और सरकार दोनों की नींद उड़ी हुई है. हरियाणा में भी रविवार से लगातार उग्र प्रदर्शन की घटनाएं सामने आ रही हैं.
अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बायन जारी किया है. सीएम खट्टर ने सिनेमा हॉल मालिकों को फिल्म न दिखाने की सलाह दी है. साथ ही सीएम खट्टर ने कहा कि जो सिनेमा हॉल फिल्म का प्रदर्शन करेंगे, सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगी.
Padmaavat Row: चित्तौड़गढ़ किले से महिलाओं ने निकाला चेतावनी मार्च, दी जौहर की धमकी
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होगी सुनवाई
फ़िल्म 'पद्मावत' पर राज्यों में लगी रोक हटाने के खिलाफ आज राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. दोनों राज्यों ने अर्जी दायर कर सुप्रीम कोर्ट ने अनुरोध किया है कि वो विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज से जुड़े अपने 18 जनवरी के फैसले को वह वापस ले ले. अब इस मामले पर कल सुनवाई होगी.
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़़ ने फिल्म के प्रदर्शन से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश में संशोधन की मांग करने वाली दोनों राज्यों की अंतरिम अर्जी पर सुनवायी के लिए कल की तारीख मुकर्रर की है. राज्यों ने दावा किया है कि सिनेमैटोग्राफ कानून की धारा छह उन्हें कानून-व्यवस्था के संभावित उल्लंघन के आधार पर किसी भी विववादित फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का अधिकार देता है.
गुजरात में पद्मावत के खिलाफ प्रदर्शन, कानूनी विकल्प तलाश रही है सरकार
सुप्रीम कोर्ट में 'पद्मावत' के मेकर्स की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे केस देख रहे हैं. उन्होंने ऐसे मामले में अंतरिम अर्जी पर त्वरित सुनवायी का विरोध किया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवायी कल करने को मंजूरी दे दी है.
जौहर करने की दी धमकी
फिल्म 'पद्मावत' को लेकर राजस्थान में विरोध बढ़ता ही जा रहा है. चित्तौड़गढ़ में हजारों महिलाओं ने प्रशासन को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने या फिर उनके जौहर के लिए तैयार रहने की चेतावनी देने के लिए रविवार को तलवार लहराते हुए एक 'चेतावनी मार्च' निकाला. प्रदर्शनकारियों में महिलाएं थी, जिन्होंने पहले ही चित्तौड़गढ़ में जौहर (आग में कूदकर जान देना) करने के लिए पंजीकरण करा रखा है. बताया जा रहा है कि मार्च में 1,908 महिलाएं शामिल हुईं.
प्रदर्शनकारियों ने चित्तौड़गढ़ किले से मार्च शुरू किया और इसे मुख्य बाजार में खत्म किया, जहां उन्होंने जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करता हुआ एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि मार्च यह सुनिश्चित करने के लिए निकाला गया है रानी पद्मिनी के सम्मान को बनाए रखा जाए और 25 जनवरी को फिल्म की रिलीज रोकी जाए अन्यथा राजपूत महिलाएं 24 जनवरी को जौहर करेंगी.
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राहुल लाल, राजनीतिक विश्लेषकJournalist
Opinion