नई दिल्ली/मुंबई: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बन रही फिल्म एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर का ट्रेलर रिलीज़ होते ही चौतरफा चर्चा का विषय बन गया. ऐसे में इसे लेकर कई तरह की बहसें भी छिड़ गई हैं. ताज़ा बहस में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे अनुपम खेर को ट्विटर पर ट्रोल कर लिया है. ट्रोल करते हुए खेड़ा ने खेर को डॉन क्विक्झोट तक बुला दिया जो कि एक कहानी का एक किरदार है और अपने कल्पनिक दुश्मनों पर हमला करता रहता है.


दरअसल, ये सब तब शुरू हुआ जब खेर ने एक ट्विट कर लिखा कि वो पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने इस ट्विट में लिखा, "ये मेरे जीवन का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. डॉक्टर मनमोहन सिंह भी इसे देखने के बाद ये मानेंगे कि बिल्कुल 100% सही चित्रण है." इस ट्वीट में उन्होंने मीडिया से मुलाकात करने के उनके प्लान की भी जानकारी दी.






इसी के जवाब में खेड़ा ने लिखा, "मिस्टर डॉन क्विक्झोट, ज़रा बताइए तो कौन आप को back off करने को कह रहा है? आपकी अभिव्यक्ति की रक्षा के लिए हम हैं ना." खेड़ा की ये प्रतीक्रिया पार्टी के उस निर्देश के बावजूद आई है जिसमें प्रवक्ताओं से फिल्म पर प्रतिक्रिया नहीं देने को कहा गया है.





आपको बता दें कि डॉन क्विक्झोट एक उपन्यास है जिसे  मिगेल द सर्वेंट्स ने लिखा है. ये स्पेन के स्वर्ण युग के दौरान लिखी गई सबसे अहम किताबों में शामिल है और साहित्य की सबसे अहम किताबों में से एक मानी जाती है. डॉन क्विक्झोट का इस्तेमाल किसी का उपहास करने के लिए वाक्याशं यानी एक फ्रेज़ के तौर पर भी किया जाता है जिसका मतलब ये होता है कि सामने वाला ख़ुद ही अपनी कल्पना में किसी को दुश्मन मान बैठता है और उस पर हमले करता रहता है. संभव है कि इसके सहारे खेड़ा ने अनुपम खेर को ये संदेश देने की कोशिश की है कि इस फिल्म की रिलीज़ के मामले में खेर को ऐसा वहम नहीं पालना चाहिए कि कांग्रेस उनकी दुश्मन है. पार्टी उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी प्रतिबद्ध है.


आपको बता दें कि ऐसा ही एक विवाद नेटफ्लिक्स की पहली वेब सीरिज़ सेक्रेड गेम्स को लेकर भी हुआ था जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता और गांधी परिवार के सबसे अहम सदस्यों में शामिल इंदिरा और राजीव के कथितक अपमान को लेकर विवाद हो रहा था. इस मामले में कम से कम सार्वजनिक तौर पर तो राहुल गांधी ने बड़ा दिल दिखाया था और इसके किसी विरोध को सिरे से ख़ारिज कर दिया था.


हालांकि, खेर की ये फिल्म अगले साल 11 जनवरी को रिलीज़ होने वाली है और इससे 2019 के चुनावों के प्रभावित होने के कायस लगाए जा रहे हैं. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या राहुल और कांग्रेस का इसे लेकर वही रुख रखता है जो सेक्रेड गेम्स को लेकर रहा था. ये सवाल इसलिए भी है कि सेक्रेड गेम्स का कांग्रेस की वर्तमान राजनीति से कोई सीधा संबंध नहीं था, ऐसे में सीधे असर की भी संभावना नहीं थी. लेकिन क्या पार्टी और इसके अध्यक्ष लोगों की सोच को प्रभावित होने देने का जोखिम लेते हैं या इसका विरोध करते हैं, ये देखने वाली बात होगी.


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