मुंबई: वरिष्ठ फिल्म पत्रकार राजकुमार केसवानी का कोरोना संक्रमण के चलते भोपाल के एक निजी अस्पताल में आज निधन हो गया. 70 साल के राजकुमार केसवानी लम्बे समय तक 'दैनिक भास्कर' में वरिष्ठ पत्रकार के रूप में कार्यरत रहे और रिटायर होने के बाद भी अखबार के लिए नियमित रूप से 'आपस की बात' नामक चर्चित कॉलम लिखते रहे.
पिछले महीने कोरोना के चलते राजकुमार केसवानी को भोपाल के प्रतिष्ठित बंसल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. खराब होती सेहत के चलते राजकुमार केसवानी पिछले तीन हफ्तों से वेंटिलेटर पर थे. उल्लेखनीय है कि उनकी पत्नी भी कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ गईं थीं, जो अब ठीक हो चुकीं हैं.
1960 में रिलीज हुई बेहद चर्चित फिल्म 'मुगल-ए-आजम' पर आधारित उनकी किताब 'दास्तां-ए-मुगल-ए-आजम' काफी चर्चित रही. उन्होंने पिछले साल मशहूर शायर रूमी पर 'जहां-ए-रूमी' नामक किताब भी लिखी थी.
राजकुमार केसवानी के दोस्त पवन झा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, "फिल्मों पर कई किताबें लिखनेवाले राजकुमार केसावानी इन दिनों 1957 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म और ऑस्कर के लिए नामांकित पहली भारतीय फिल्म 'मदर इंडिया' पर भी किताब लिख रहे थे. उन्होंने गुजरे जमाने के सिनेमा पर 'बॉम्बे टाकीज' नामक किताब भी लिखी थी जिसका दूसरा अध्याय भी वो लिख चुके थे. ये जल्द ही प्रकाशित होगी."
उल्लेखनीय है कि राजकुमार केसवानी को 1984 में हुए भोपाल गैस त्रासदी की उम्दा रिपोर्टिंग के लिए भी जाना जाता है. यूनियन कार्बाइड के प्लांट में गैस लीक से संबंधित इस हादसे ने कई लोगों की जान ले ली थी. इस गैस हादसे के प्रमुख गवाहों में राजकुमार केसवानी का भी शुमार रहा. उन्हें इस पूरे हादसे से पहले और हादसे के बाद की रिपोर्टिंग के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और उन्हें इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अवॉर्ड्स से भी नवाजा गया था.
दुनियाभर के चर्चित पत्रकारों के अनुभवों पर आधारित किताब 'ब्रेकिंग द बिग स्टोरीज' के लिए राजकुमार केसवानी ने भोपाल गैस त्रासदी के कवरेज के अपने अनुभवों को एक अध्याय एक तौर पर भी लिखा था.