फेसबुक लाइव के ज़रिए फैंस से जुड़ीं सिंगर उषा उथुप, गाया ‘कोरोना गो गो...’
उषा उथुप ने बताया कि वो अपना रोज़मर्रा का काम पहले की तरह ही कर रही हैं और तैयार होकर अपने घर के स्टूडियों में प्रैक्टिस करती हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि वो किताबें पढ़ रहीं हैं.
नई दिल्ली: फेसबुक लाइव की दुनिया ने लॉकडाउन में लेखकों और कलाकारों को अपने पाठकों से दूर रहकर भी पास कर दिया है. बुधवार की शाम अपने घर से राजकमल प्रकाशन समूह के फेसबुक पेज से लाइव होकर उषा उथुप ने लोगों का ख़ूब मनोरंजन किया. उन्होंने लोगों से कहा कि लक्ष्मण रेखा को पार न करें. घर पर रहें और मिलकर कोरोना को हराएं. मैं हर दिन भगवान से प्रार्थना करती हूं कि वो भारत की रक्षा करें.
उषा उथुप ने कहा, “यही समय है कि हम एकता की शक्ति को पहचानें और जो लोग हमारी सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं उनके प्रति सम्मान दिखाएं और उनके लिए घर से बाहर न निकले. अगर हम साथ हैं तो उम्मीद की उजली किरण जल्दी ही आएगी."
घर बैठे कर रहीं हैं पढ़ाईं उषा उथुप ने बताया कि वो अपना रोज़मर्रा का काम पहले की तरह ही कर रही हैं और तैयार होकर अपने घर के स्टूडियों में प्रैक्टिस करती हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि वो किताबें पढ़ रहीं हैं. अपनी जीवनी ‘उल्लास की नाव’ को पढ़ने के अलावा वो खालिद हुसैनी की काईट रनर और पाव्लो कोहिलो की किताब द अल्केमिस्ट पढ़ रही हैं. उषा उथुप की जीवनी ‘उल्लास की नाव’ राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है. इसके लेखक विकास कुमार झा हैं.
मैत्रयी पुष्पा ने फेसबुक लाइव में बात करते हुए कहा, “मेरे घर में सात डॉक्टर हैं और कोरोना से आमना-सामना करते हुए डटे हुए हैं और उसे यहां से मुक्त करने में लगे हुए हैं. हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम इसमें उनका साथ दें."
खान पान की बातें इतिहासकार और खान-पान विशेषज्ञ पुष्पेश पंत, रोज़ सुबह ग्यारह बजे तरह-तरह के व्यंजनों की बातें लेकर लाइव होते हैं. बुधवार की सुबह उन्होंने पुलाव के बारे में बताया. देसी और विदेशी. नमकीन और मीठे. शाकाहारी और बिरयानी के लिए तड़प रहे लोगों के लिए. इससे पहले पुष्पेश खिचड़ी, बासी चावल, कढ़ी और तरह-तरह के दाल बनाने की विधि बता चुके हैं.
ल़ॉकडाउन के समय में लोगों को साहित्य से जोड़े रखने, किताबों की बातें करने और सकारात्मकता का संचार करने में आभासी दुनिया एक पुल का काम कर रही है. राजकमल प्रकाशन के लाइव पेज से अबतक कई लेखक और कलाकार विनोद कुमार शुक्ल, ममता कालिया, सौरभ शुक्ला, स्वानंद किरकिरे, अविनाश दास, शिवमूर्ति, गीतांजलि श्री, अल्पना मिश्र, पुष्पेश पंत, कैलाश वानखेडे, यतीन्द्र मिश्र, कृष्ण कल्पित, हिमांशु बाजपेयी, विनीत कुमार, प्रभात रंजन, अभिषेक शुक्ला, सोपान जोशी, नवीन चौधरी, अनघ शर्मा, उमेश पंत, अशोक कुमार पांडेय, सुजाता, सुधांशु फिरदौस, व्योमेश शुक्ल, चिन्मई त्रिपाठी, हिमांशु पंड्या, दारेन साहिदी जुड़ चुके हैं.