Critics Review: 'जबरिया जोड़ी' में सिद्धार्थ-परिणीति एक्टिंग ठीक, कहानी है कमजोर
फिल्म 'जबरिया जोड़ी' को लेकर क्रिटिक्स की राय भी अब सामने आ गई है. किसी ने इस फिल्म के कॉन्सेप्ट की तारीफ की है तो किसी ने इसे एक कमजोर फिल्म बताया है. अगर आप भी इस वीकेंड ये फिल्म देखने का मन बना रहे हैं तो पहले यहां पढ़ें क्रिटिक्स रिव्यू...
आज बॉक्स ऑफिस पर परिणीति चोपड़ा और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'जबरिया जोड़ी' रिलीज हुई है. फिल्म में पहली बार सिद्धार्थ और परिणीति की जोड़ी साथ में ऑनस्क्रीन नजर आ रही है. इस फिल्म का निर्देशन प्रशांत सिंह ने किया है. प्रशांत इससे पहले दो और फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. वहीं, स्टारकास्ट की बात करें तो फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा के साथ अपारशक्ति खुराना, जावेद जाफरी और संजय मिश्रा जैसे कलाकार भी नजर आ रहे हैं.
क्या है कहानी
'जबरिया जोड़ी' एक फिक्शनल ड्रामा फिल्म है, जिसकी कहानी 'पकड़वा विवाह' के आसपास घूमती है. इसमें पूर्वोत्तर बिहार में प्रचलित 'पकड़वा विवाह' (किसी युवक को पकड़कर उसकी जबरन शादी कराना) पर आधारित है. फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा पटना के एक बाहुबली अभय सिंह का किरदार निभा रहे हैं. अभय भाई स्वयं ही ये पकड़वा विवाह करवाता है क्योंकि उनके पिता का मानना है कि ये एक पुण्य का काम है. वो ये समाज सेवा के तौर पर करते हैं.
वहीं, परिणीति चोपड़ा बबली के किरदार में नजर आ रही हैं. अभय को बचपन से ही बबली पर क्रश था लेकिन वो अपने दिल की बात कह नहीं पाता. पूरी कहानी इन्हीं दोनों के ईर्द गिर्द घूमती है. बबली एक आजाद खयालों की लड़की है अब ऐसे में ये दोनों कैसे मिलते हैं और कैसे अभय, बबली को इंप्रैस करता है यही कहानी को मजेदार बनाता है.
फिल्म को लेकर क्रिटिक्स की राय भी अब सामने आ गई है. किसी ने इस फिल्म के कॉन्सेप्ट की तारीफ की है तो किसी ने इसे एक कमजोर फिल्म बताया है. अगर आप भी इस वीकेंड ये फिल्म देखने का मन बना रहे हैं तो पहले यहां पढ़ें क्रिटिक्स रिव्यू...
क्रिटिक्स रिव्यू
पुणे मिरर ने फिल्म को एक अच्छी कोशिश बताया है. अपने रिव्यू में उन्होंने बताया कि फिल्म की कहानी और एक महत्वपूर्ण संदेश देने की भी कोशिश की गई है. लेकिन फिल्म को उतने प्रभावी ढंग से पेश नहीं किया गया है. एक्टिंग की बात करें तो फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट ने शानदार काम किया है लेकिन सिद्धार्थ और परिणीति को बिहार के रंग में ढलने के लिए थोड़ी और मेहनत करनी चाहिए थी. फिल्म को अंत तक आते-आते खिचड़ी बन जाती है जिसके कारण न तो ठीक ढंग से इस फिल्म के द्वारा एक जमबरदस्त संदेश फैंस तक पहुंचता है और न ही एक एंटरटेनिंग कहानी बनती है.
ईस्टर्न आई ने फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा की एक्टिंग की तारीफ की है. लेकिन उन्होंने कहा कि अच्छी एक्टिंग के बावजूद फिल्म पर्दे पर दमदार और असरदार कहानी नहीं लेकर आती. फिल्म में कलाकारों ने अच्छा काम किया है लेकिन इसका ट्रीटमेंट और बेहतर हो सकता था.