Aryan Khan drug case:  शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है.  मुंबई क्रूज शिप ड्रग (Drug case) मामले में बॉलीवुड एक्‍टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को आने वाले कुछ दिन जेल में बिताने होंगे. आरोपियों को अब जमानत के लिए हाईकोर्ट (High Court) का रुख करना होगा. वहीं इस मामले में आर्यन खान के साथ दो अन्य आरोपी अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया है.  पिछले 20 दिनों से चल रहे ड्रग मामले में इन तीनों जमानत याचिका पर सेशन कोर्ट में पिछले हफ्ते सुनवाई हुई थी जिसके बाद कोर्ट ने 20 अक्‍टूबर तक फैसले को सुरक्षित रख लिया था. आर्यन को पिछले 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और अब वो 17 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं. 


दरअसल इस पूरे मामले की शुरूआत 2 अक्टूबर को हुई थी. जब  नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अरब सागर की लहरों पर एक क्रूज पार्टी में छापेमारी की और  8 लोगों को हिरासत में लिया था. छापेमारी के पहले दिन केवल 3 लोगों की रिमांड के लिए पेशी हुई और अन्य 5 को बाद में पेश किया गया. वहीं बॉलीपुड सुपरस्टार के बेटे आर्यन खान का नाम शामिल होने के कारण मामले की अधूरी जांच के होने की बात कही गई लेकिन विवाद बढ़ने पर क्रूज की एक बार फिर से जांच की गई.  इस जांच के बाद कई और अन्य आयोजकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में पिछले 2 हफ्ते में डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. 


3 अक्टूबर को हुए छापेमारी के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन को गिरफ्तार कर ट्रायल कोर्ट के सामने पेश किया गया था. ट्रायल में हुई पहली सुनवाई के दौरान 2 दिन की रिमांड मांगी गई. इसके बाद 7 अक्टूबर को आर्यन खान समेत 7 अन्य लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. अबतक मिली जानकारी के अनुसार आर्यन खान के पास कोई मादक पदार्थ नहीं मिला है. वहीं ऐसी कोई टेस्ट रिपोर्ट भी सामने नहीं आई है. हालांकि NCB के हाथ आर्यन के व्हाट्सएप चैट जरूर लगी है जिससे उनकी परेशानी बढ सकती है. दरअसल इस केस में NCB लगातार आर्यन के जमानत का विरोध कर रहा है.


NCB की सभी दलीलें मुख्‍य रूप से व्हाट्सएप चैट पर आधारित


कोर्ट में आर्यन के ख‍िलाफ अभी तक NCB की सभी दलीलें मुख्‍य रूप से व्हाट्सएप चैट पर आधारित हैं. NCB के हाथ लगी ये चैट शाहरुख खान के बेटे आर्यन का अरबाज मर्चेंट और एक कथ‍ित ड्रग पेडलर के साथ है. हालांकि चैट में कहीं भी पूरी तरह से ड्रग्स के लेन देन की बात नहीं हुई है. NCB का मानना है कि व्हाट्सऐप चैट में कोडवर्ड के जरिए बातचीत की गई है. कोड शब्दों के मनमाफिक रूपांतरण को सबूत मानते हुए फिलहाल आर्यन के खिलाफ मामला बनता दिख रहा है.


मालूम हो कि NCB के अनुसार 20 साल के आर्यन कई सालों से ड्रग्स या नशीली पदार्थ का सेवन कर रहे हैं. उनका मानना है कि आर्यन अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का हिस्सा हैं और उन्हें हिरासत में रखकर पूछताछ जरूरी है. दूसरी ओर बचाव पक्ष के मुताबिक आर्यन के पास ड्रग्स खरीदने के लिए नगद पैसे भी नहीं थे. वहीं इस केस में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ड्रग्स से जुड़े मामले संगीन अपराध माने जाते हैं. इसलिए इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सहमति के बिन आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल होता है. 


भारत में ड्रग के खिलाफ है कठोर कानून


मालूम हो कि ड्रग्स या किसी भी मादक पदार्थ के सेवन का मामला मानवता के खिलाफ अपराध माना जाता है. इसलिए केवल भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी ड्रग्स के खिलाफ कठोर कानून बने हैं. भारत में इसके लिए 1985 में NDPS एक्ट बना है. इस कानून के अधिकांश अपराध गैर जमानती हैं लेकिन कुछ मामलों में गिरफ्तारी के बाद जमानत भी मिल सकती है. नॉर्मल अपराध में अगर चार्जशीट फाइल नहीं किया गया हो तो आरोपी को CRPC कानून की धारा 167 के तहत 60 दिन या अधिकतम 90 दिन के बाद आरोपी को डिफॉल्ट बेल यानी जमानत मिल जाती है. लेकिन NDPC की धारा 36A (4) के तहत 180 दिन और अदालत के आदेश से 1 साल तक चार्जशीट फाइल किए बगैर आरोपी को जेल में रखा जा सकता है.


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