(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कर्तव्य पथ कार्यक्रम में पहुंचीं कंगना रनौत का बयान, 'हमें सिर्फ डांडी मार्च या भूख हड़ताल करने से आजादी नहीं मिली'
Kangana Ranaut On Dandi March : 'कर्तव्य पथ' कार्यक्रम में पहुंचीं कंगना रनौत ने बयान दिया है कि दांडी मार्च या भूख हड़ताल करके ही आजादी मिली है तो ऐसा नहीं है.
Kangana Ranaut On Dandi March : देश की आजादी और उससे जुड़े बड़े आंदोलनों को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अक्सर बयान देकर विवाद खड़ा कर देती हैं. 'कर्तव्य पथ' कार्यक्रम में पहुंचीं कंगना रनौत ने महात्मा गांधी के आंदोलन दांडी मार्च और भूख हड़ताल को लेकर विवादित बयान दिया है.
दांडी मार्च से नहीं मिली आजादी
'कर्तव्य पथ' कार्यक्रम में पहुंची कंगना रनौत ने कहा है कि ''हमें दांडी मार्च या भूख हड़ताल करके ही आजादी मिली है तो ऐसा नहीं है. आजादी के दौरान नेताजी और सावरकर जी के संघर्ष को दरकिनार कर दिया गया था. साथ ही उन्होंने आज के दिन को उन्होंने सौभाग्य का दिन बताया है. कंगना ने आगे कहा कि मुझे हमेशा ही लगा है कि कुछ दो तीन लोग ही हैं जो स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उभर कर सामने आए. लेकिन वह सच्चाई नहीं है स्वतंत्रता की और स्वतंत्रता के संघर्ष की. नेता जी ने पहले ही स्वतंत्र भारत की घोषणा कर दी थी. काला पानी में अगर आपको याद हो. और वही हुआ.''
राजपथ का नाम किया गया कर्तव्य पथ
गौरतलब है राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 'राजपथ' का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया साथ ही कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया.
पहले भी दे चुकी हैं आजादी को लेकर विवादित बयान
ये पहली बार नहीं है जब अभिनेत्री कंगना रनौत ने आजादी या आजादी के आंदोलन पर ऐसा विवादित बयान दिया हो. पिछले साल नवंबर में अभिनेत्री ने कहा था कि असली आजादी 2014 में मिली है, जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई. 1947 में देश को जो स्वतंत्रता मिली थी वह भीख में मिली थी.
गांधी के कटोरे में मिली आजादी
कंगना रनौत के इस बयान के बाद उनका ट्विटर अकाउंट निलंबित कर दिया गया था. जिसके बाद अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर लिखा था कि मैंने बिल्कुल साफ कहा है कि 1857 की क्रांति, पहला स्वतंत्रता संग्राम थी, जिसे दबा दिया गया और इसके परिणामस्वरूप अंग्रेजों के जुल्म व क्रूरता और बढ़ गए तथा करीब एक शताब्दी बाद हमें गांधी जी के भीख के कटोरे में आजादी दी गई.