Reema Lagoo Unknown Facts: किस्मत अचानक करवट लेती है और किसी भी शख्स को ऐसे रास्ते पर ले आती है, जिसके बारे में उसने कभी सोचा ही नहीं होता है. दरअसल, बात हो रही है रीमा लागू की, जिन्होंने फिल्मों की दुनिया में कदम रखने से पहले 10 साल बैंक में नौकरी की थी. आज रीमा लागू की डेथ एनिवर्सरी है. ऐसे में हम आपको उनकी जिंदगी के ऐसे किस्सों से रूबरू करा रहे हैं, जो आपने शायद ही सुने होंगे.
बचपन में ही चखा अभिनय का स्वाद
21 जून 1958 के दिन मुंबई में जन्मी रीमा लागू ने बचपन से ही अभिनय का स्वाद चख लिया था. दरअसल, उनकी मां मंदाकिनी खदबड़े मशहूर मराठी अभिनेत्री थीं. ऐसे में पढ़ाई के दौरान ही रीमा का रुझान अभिनय की ओर होने लगा था. वहीं, हाईस्कूल के बाद उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रख दिया और अपने करियर की शुरुआत मराठी सिनेमा की. मराठी सिनेमा में कई साल तक एक्टिंग करने के बाद रीमा ने 1980 में फिल्म कलयुग से हिंदी सिनेमा में कदम रखा. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रीमा का असली नाम नयन भड़भड़े था. हालांकि, एक्टिंग की दुनिया में पूरी तरह आने से पहले उन्होंने 10 साल तक बैंक में काम किया था.
अधूरा रहा रीमा का इश्क
एक्टिंग के दौरान रीमा की मुलाकात मशहूर मराठी एक्टर विवेक लागू से हुई. मुलाकातों का दौर बढ़ा तो दोनों इश्क की राह पर चल निकले और दोनों ने शादी कर ली. इसके बाद अभिनेत्री ने अपना नाम रीमा लागू रख लिया. शादी के बाद कुछ समय तक सबकुछ अच्छा रहा, लेकिन बाद में रीमा और विवेक के बीच मनमुटाव होने लगा. ऐसे में दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया. उनकी एक बेटी मृण्मयी लागू हैं, जो रीमा के साथ रहती थीं.
ऐसे बनीं सिनेमा की 'मां'
रीमा पहली बार 1988 में रिलीज हुई फिल्म 'कयामत से कयामत तक' में जूही चावला की मां बनी थीं. इसके बाद 1989 में फिल्म 'मैंने प्यार किया' और 1991 में फिल्म 'साजन' में उन्होंने मां का किरदार निभाया. इन फिल्मों ने रीमा को घर-घर में मशहूर कर दिया. साथ ही, यह साबित हो गया कि मॉडर्न जमाने की मां का किरदार उनसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता.
जब अपने ही बेटे को मार दी गोली!
आमतौर पर रीमा ने खुशनुमा मुस्कान वाली मां के किरदार निभाए, लेकिन संजय दत्त की कमबैक फिल्म वास्तव में उन्होंने मां के रोल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया. दरअसल, इस फिल्म में रीमा ने गैंगस्टर की मां का किरदार निभाया था, जो अपने ही बेटे को गोली मार देती हैं. कहा जाता है कि फिल्म के इस सीन के लिए रीमा को काफी मेहनत करनी पड़ी थी. दरअसल, रिवॉल्वर काफी भारी थी, जिसके चलते शूटिंग के दौरान रीमा पसीने-पसीने हो गई थीं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रीमा अपने निधन के आखिरी घंटों तक शूटिंग कर रही थीं. दरअसल, उस दिन वह शूटिंग करके घर लौटीं और रात के वक्त उनके सीने में दर्द होने लगा. वहीं, 18 मई 2017 के दिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी.