Rajesh Khanna: 29 दिसंबर 1942 के दिन अमृतसर में लाला हीरानंद खन्ना और चंद्ररानी खन्ना के घर एक ऐसे सितारे का जन्म हुआ, जिनके स्टारडम के बारे में उनके पैरेंट्स ने भी कभी सोचा तक नहीं था. राजेश खन्ना का बचपन का नाम जतिन था. उनके पिता स्कूल टीचर थे, जिनकी नौकरी बंटवारे की वजह से चली गई थी. उस वक्त राजेश खन्ना का परिवार इतने बुरे दौर से गुजर रहा था कि उन्होंने छह साल के राजेश को मुंबई में रहने वाले रिश्तेदार चुन्नी लाल खन्ना और लीलावती के हवाले कर दिया था.
इस वजह से बदला गया था नाम
राजेश खन्ना को काका नाम उनके किसी फैन ने नहीं, बल्कि परिवार वालों ने ही दिया था. दरअसल, उन्हें बचपन से ही काका के नाम से बुलाया जाता था. पंजाबी में काका का मतलब छोटा बच्चा होता है. वहीं, एक्टिंग का जुनून भी राजेश खन्ना के जेहन में बचपन से ही था. जब वह महज 10 साल के थे, उस वक्त ही थिएटर से जुड़ गए थे. हालांकि, उनके पिता एक्टिंग के खिलाफ थे, लेकिन राजेश का जूनून कभी कम नहीं हुआ. यह बात उनके मामा को पता चली तो फिल्मों के लिए उन्होंने जतिन का नाम बदलकर राजेश खन्ना रख दिया.
फिल्मों में आसान नहीं थी एंट्री
कहा जाता है कि राजेश खन्ना को स्पोर्ट्स कारों का काफी शौक था. वह ऑडिशन के लिए एमजी स्पोर्ट कार से जाते थे. उनकी महंगी कारें देखकर फिल्म डायरेक्टर्स उन्हें तवज्जो नहीं देते थे. साल 1965 के दौरान फिल्म प्रॉड्यूसर्स ने ऑल इंडिया टैलेंट हंट कॉन्टेस्ट आयोजित किया, जिसमें राजेश खन्ना विजेता बने. इसके इनाम के तौर पर उन्हें दो फिल्में मिलीं. 1966 में राजेश खन्ना की पहली फिल्म आखिरी खत रिलीज हुई, जो फ्लॉप रही. 1967 में उनकी दूसरी फिल्म राज आई, जिसने ताबड़तोड़ कमाई की. इसके बाद तो बॉलीवुड में राजेश खन्ना का दौर आ गया. उन्होंने तीन साल में लगातार 17 हिट फिल्में दीं, जो रिकॉर्ड आज तक बरकरार है. वहीं, उन्हें बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार का तमगा भी दे दिया गया. उनकी आखिरी हिंदी फिल्म रियासत थी.
कैंसर से हुआ था निधन
बता दें कि साल 2011 के दौरान राजेश खन्ना को कैंसर होने की जानकारी मिल गई थी, लेकिन यह बात उन्होंने पूरी दुनिया से छिपा ली. जून 2012 के दौरान तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 23 जून को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया. आठ जुलाई को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, लेकिन 14 जुलाई को दोबारा अस्पताल ले जाया गया. उस वक्त राजेश खन्ना को इस बात का एहसास हो गया था कि उनके पास ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में उन्होंने आखिरी वक्त अपने घर में बिताने की इच्छा जाहिर की. 16 जुलाई को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया और 18 जुलाई को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. राजेश खन्ना के निधन के बाद लोगों को उनके कैंसर पीड़ित होने की जानकारी मिली थी.
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