Raaj Kumar Unknown Facts: चाहे उनका सिगार पकड़ने का अंदाज हो या डायलॉग्स बोलने का तरीका... उनकी हर चीज ने फैंस को न सिर्फ इंप्रेस किया, बल्कि उनका दीवाना भी बना दिया. बात हो रही है राज कुमार की, जिनका जन्म 8 अक्टूबर 1926 के दिन बलूचिस्तान में हुआ था. राजकुमार 1940 के दौरान बॉम्बे (अब मुंबई) आए और बतौर सब इंस्पेक्टर नौकरी करने लगे. वह जिस थाने में पोस्टेड थे, वहां फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग आते-जाते रहते थे. इसी कड़ी में जब फिल्म निर्माता बलदेव दुबे थाने पहुंचे तो राजकुमार के बात करने के अंदाज से प्रभावित हो गए. उन्होंने राजकुमार को फिल्म में काम करने का ऑफर दिया, जिसे राजकुमार ने तुरंत मान लिया.
फ्लाइट अटेंडेंट से की थी शादी
कहा जाता है कि राज कुमार एक बार फ्लाइट में सफर कर रहे थे. उस दौरान उनकी मुलाकात फ्लाइट अटेंडेंट जेनिफर से हुई. इसके बाद दोनों की मुलाकातों का सिलसिला बढ़ गया और बाद में उन्होंने जेनिफर से शादी कर ली. शादी के बाद जेनिफर ने अपना नाम बदलकर 'गायत्री' रख लिया था. राज कुमार और जेनिफर के तीन बच्चे हुए. इनमें दो बेटे पुरू राजकुमार, पाणिनी राजकुमार और एक बेटी वास्तविकता राजकुमार थी.
जब तलवार से काटा था केक
राज कुमार के कई किस्से आज भी चर्चा में रहते हैं. वह और गोविंदा एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. उउस दौरान गोविंदा ने बेहतरीन शर्ट पहन रखी थी, जिसे देखकर राज कुमार ने कहा था कि यार तुम्हारी शर्ट बहुत शानदार है. गोविंदा ने खुश होकर उन्हें वह शर्ट दे दी. अगले दिन राज कुमार ने शर्ट के कपड़े से रुमाल बनवा लिया था. एक बार उन्होंने अमिताभ बच्चन के विदेशी सूट की तारीफ की. अमिताभ ने दुकान का पता बताया तो राजकुमार ने कहा कि उन्हें कुछ पर्दे सिलवाने हैं. ऐसा ही एक किस्सा डायरेक्टर मेहुल कुमार भी सुना चुके हैं. एक बार मेहुल कुमार के बर्थडे पर राज कुमार ने बड़ा सा केक मंगवाया था, जिसके साथ तलवार भी आई थी. राज कुमार ने वह केक तलवार से काटा था.
फिल्म फ्लॉप होने पर बढ़ा देते थे फीस
वैसे तो राज कुमार ने अधिकतर हिट फिल्में दीं, लेकिन उनकी कई मूवी फ्लॉप भी रहीं. जब भी उनकी फिल्म फ्लॉप होती तो वह अपनी फीस बढ़ा देते थे. राज कुमार कहते थे कि वह अपने किरदार के साथ पूरा न्याय करते हैं और कभी यह नहीं सोचते कि वह उसमें फेल हुए हैं. उनका मानना था कि फिल्में फ्लॉप हो सकती हैं लेकिन मैं नहीं. बता दें कि राज कुमार ऐसे अभिनेता थे, जो अपनी ही शर्तों पर फिल्म में काम करते थे.