नई दिल्ली: बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के साथ फिल्म ‘पद्मावती’ की जयपुर में शूटिंग के दौरान शुक्रवार को हाथापाई और मारपीट हुई. जयगढ़ किले में फिल्म की शूटिंग के दौरान करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए भंसाली को थप्पड़ जड़ दिया और उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की.


अब इस घटना पर फिल्म ‘पद्मावती’ में रानी पद्मावती का किरदार निभा रहीं दीपिका पादुकोण ने अपना बयान दिया है. दीपिका ने लगातार तीन ट्वीट कर के इस घटना पर दुख जताया है. अपने पहले ट्वीट में दीपिका ने कहा कि कल की हुई घटना से बेहद दुखी हूं.





अपने दूसरे ट्वीट में दीपिका ने लोगों को आश्वस्त किया है कि इतिहास के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. दीपिका ने कहा कि पद्मावती की भूमिका निभाने के तौर मैं आपलोगों को आश्वस्त करती हूं कि इतिहास से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.






अपने आखिरी ट्वीट में दीपिका ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल यह है कि हम एक बहादुर और ताकतवर महिला से उसके असली रूप में दुनिया को रूबरू करा सकें.





आपको बता दें कि जयपुर के जयगढ़ किले में शुक्रवार को शूटिंग चल रही थी तभी भद्दी गालियों के साथ नारे लगाते हुए कुछ लोग पहुंच गए. शूटिंग के साजोसामान को तहस नहस करते हुए शांति से कुर्सी पर बैठे संजय लीला भंसाली के पास ये लोग पहुंचे और उनपर हमला कर दिया.

बता दें कि फिल्म में दीपिका पादुकोण के अलावा रणवीर सिंह और शाहिद कपूर प्रमुख भूमिका में हैं.


क्यों हो रहा है विरोध?

हंगामा करने वाले संगठन करणी सेना का दावा है कि संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच एक बेहद आपत्तिजनक सीन डाला है. इस सीन में अलाउद्दीन खिलजी एक सपना देखता है जिसमें वो रानी पद्मावती के साथ है. करणी सेना का दावा है कि वास्तव में खिलजी और पद्मावती ने कभी एक दूसरे को आमने सामने देखा तक नहीं और इतिहास की किसी किताब में भी इस तरह के किसी सपने का कोई जिक्र नहीं है. हालांकि इतिहासकार इरफान हबीब के मुताबिक पद्मावती का किरदार ही काल्पनिक है.

करणी सेना खुद को राजपूतों के हितों का रक्षक बताती है और राजस्थान में काम करती है. करणी सेना का दावा है कि रानी पद्मावती राजपूत थीं और उनकी छवि फिल्म में गलत तरीके से दिखाई गई इसलिए उसने प्रदर्शन किया.