Padmaavat Controversy: 'पद्मावत' की ऐतिहासिक सच्चाई पर उठे थे सवाल, दीपिका-रणवीर की फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तोड़ दिए थे कई रिकॉर्ड
Padmaavat Controversy: फिल्म जगत में कई ऐतिहासिक फिल्मों का निर्माण किया गया है. कई बार फिल्म जिस इतिहास को दिखा रही होती है उसी को लेकर विवाद शुरू हो जाता है.
Hindi Film Padmaavat Controversy: बॉलीवुड में कई फिल्म निर्देशक ऐसे हुए हैं जिन्होंने इतिहास की घटनाओं को फिल्मी पर्दे पर उतारने की बेहतरीन कोशिश की है. उनमें के आसिफ(K. Asif), आशुतोष गोवारिकर Ashutosh Gowariker), कमाल अमरोही (Kamal Amrohi) और संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) का नाम प्रमुख है. भंसाली ने बाजीराव मस्तानी(Bajirao Mastani) और पद्मावत को बहुत अच्छे ढंग से फिल्मी पर्दे पर उतारा. दोनों ही फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रहीं. साल 2016 में आई पद्मावत को लोगों का खास प्यार मिला. इसे काफी भव्यता के साथ बनाया गया था. इस फिल्म का निर्माण संजय लीला भंसाली ने रणवीर सिंह(Ranveer Singh), दीपिका पादुकोण(Deepika Padukone), शाहिद कपूर(Shahid Kapoor) और अदिती राव हैदरी(Aditi Rao Hydari) को साथ लेकर किया था.
फिल्म की कहानी मलिक मुहम्मद जायसी के उपन्यास पद्मावत पर आधारित है. कई बड़े इतिहासकारों ने साफ किया है कि इसकी कहानी काल्पनिक है. अध्यापक रहे प्रोफेसर इरफान हबीब ने फिल्म की रिलीज़ के दौरान हुए विवाद के बीच कहा था कि ‘पद्मावत’ एक उपन्यास है, जिसे जायसी ने 16वीं शताब्दी में अपनी कल्पना के आधार पर गढ़ा था. इसमें 14वीं सदी में राजस्थान के चितौड़ के राजा रहे रतन सिंह, उनकी पत्नी रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी को मुख्य पात्र बनाया गया. इसमें 1296 से लेकर 1316 के बीच दिल्ली पर राज करने वाले शासक अलाउद्दीन खिलजी को रानी पद्मिनी के सौंदर्य का दीवाना बताया गया. उपन्यास के अंत में अलाउद्दीन खिलजी राजा रतन सिंह को मारकर चितौड़ पर कब्जा कर लेता है, लेकिन रानी पद्मिनी को नहीं हासिल कर पाता है. कुछ यही कहानी संजय लीला भंसाली की फिल्म में भी दिखाई गई है.
फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों पर खरी उतरी या नहीं इस पर विवाद है. हालांकि ज्यादातर इतिहासकार इस बात पर एक मत दिखते हैं कि 14वीं सदी की शुरुआत में अलाउद्दीन खिलजी ने राजा रतन सिंह को मार कर चितौड़ पर कब्जा किया था. लेकिन उस काल में रानी पद्मिनी के होने की पुष्टि नहीं करते. प्रोफेसर इरफान हबीब कहते है कि सन् 1540 ईसवीं से पहले रानी पद्मिनी या पद्मावती का कोई ऐतिहासिक जिक्र नहीं मिलता.
बात फिल्म की करें तो इसे संजय लीला भंसाली(Sanjay Leela Bhansali) ने अपने स्टाइल में बनाया था. सेट से लेकर वेशभूषा तक, सब कुछ शानदार था. फिल्म के गाने और इसमें कलाकारों का अभिनय लोगों को खूब भाया था. खासतौर से रणवीर सिंह का अभिनय देखने लायक है. फिल्म को लेकर काफी विवाद भी हुआ था, जिसके बाद फिल्म का नाम पद्मावती की जगह पद्मावत(Padmawat) कर दिया गया. इसके साथ फिल्म में जौहर के दृश्य को भी काट दिया गया. भारी भरकम बजट में बनी इस फिल्म ने भारत में 302 करोड़ का कारोबार किया था जबकि दुनियाभर में इसकी कमाई 571 करोड़ रुपये हुई थी.
इस किताब पर आधारित थी रणवीर-दीपिका की Bajirao Mastani, अवॉर्ड्स की लग गई थी झड़ी