Flashback Friday: 'लव आज कल' (2009 वाली फिल्म 2020 वाली नहीं) का क्लाइमैक्स सीन- सैफ का किरदार दीवार में पेंटिंग करती दीपिका के किरदार को पाने के लिए आशिकों वाले डायलॉग बोलता नजर आता है जिसके जवाब में एक्ट्रेस का कुछ सेकेंड..कुछ सेकेंड मतलब सिर्फ कुछ सेकेंड का डायलॉग - 'ऐंगल नया है मुझे लगता है इसे और डिस्कस करना चाहिए, तो मैं नीचे आ जाऊं.'


इस कुछ सेकेंड के डायलॉग में खास बात ये है कि इसमें भविष्य की सुपरस्टार की झलक दिख गई थी. क्यों? क्योंकि इस छोटे से डायलॉग में दीपिका ने एक्टिंग के 9 रसों और 42 एटीट्यूड्स में से 2 रस (श्रंगार रस और करुणा रस) और 3 एटीट्यूड (दुख, आशावादी और राहत) का इस्तेमाल कर दिया था. ये सीन कहानी गढ़ रहा था 'राम की लीला की', बाजीराव की मस्तानी की और कॉकटेल की वेरॉनिका की. यानी आज की 'फाइटर' दीपिका पादुकोण की. दीपिका बनना आसान नहीं है. 


बॉलीवुड में उनकी एंट्री 2007 की 'ओम शांति ओम' से हुई थी. इस हिसाब से उन्हें कुल 17 साल हो चुके हैं बॉलावुड में. लेकिन उनकी कहानियां उतनी पुरानी भी नहीं हैं कि फ्लैशबैक फ्राइडे में किस्से की तरह इस्तेमाल की जाएं. लेकिन फिर भी उन पर आज बात करनी है. बात इसलिए करनी है क्योंकि करनी चाहिए. इसलिए करनी चाहिए क्योंकि वो 'लीला' हैं. वो अपने तरह की अकेली और अलहदा एक्ट्रेस हैं.






दीपिका की बात क्यों?
फिल्मों की एक आम दर्शक की तरह समझें तो ये वो होती हैं जिनमें कुछ चलते-फिरते कैरेक्टर पर्दे पर दिखते हैं और एक कहानी को आगे बढ़ाते हुए कुछ घंटों के लिए अलग दुनिया में ले जाते हैं. लेकिन, अगर फिल्मों को आशिक की तरह समझें तो ये सच में किसी बीएससी या बीटेक करने वाले स्टूडेंट के लिए केमिस्ट्री या फिर फिजिक्स की मोटी किताब है. जिसमें हजारों नहीं लाखों चीजें छिपी हुई हैं. और उन गूढ़ और कठिन चीजों को कुछ ही लोग समझकर उन्हें फिल्मों में अपनी एक्टिंग के दम पर उतार पाते हैं. ऐसे एक्टर्स में तब्बू, मेरील स्ट्रीप, अल पचीनो, डेंजेल वॉशिंगटन, नसीरुद्दीन शाह, अमिताभ, मनोज बाजपेयी और शाहरुख जैसे कई चेहरे हैं. इन चेहरों के बीच चुपके से अपनी जगह बना ले गईं दीपिका पादुकोण. 


अगर आप सोचते हैं कि दीपिका पादुकोण पर ही क्यों बात होनी चाहिए, तो इसका जवाब ये है कि उन्होंने जंग लड़ी है. खुद से और डिप्रेशन से. आत्महत्या के ख्यालों से. इस बात का खुलासा उन्होंने सार्वजनिक तौर पर मीडिया के सामने किया भी था. इसके बावजूद, आज वो भारतीय सिनेमा इतिहास की दूसरी ऐसी एक्ट्रेस बन गई हैं जिनकी अब तक की कुल फिल्मों का टोटल कलेक्शन 3000 करोड़ के आसपास पहुंच गया है. इसके बावजूद उन्होंने मस्तानी का शानदार रोल किया और लीला बनकर अपनी दमदार एक्टिंग का जलवा भी दिखाया.


दीपिका से पहले ऐसे सीन किसी ने नहीं किए होंगे (शायद)
दीपिका से पहले ऐसे सीन किसी ने नहीं किए होंगे और अगर किए भी होंगे तो उनमें उस तरीके से जान नहीं फूंकी होगी, जैसी जान दीपिका ने फूंकी. अगर आप सोच रहे हैं कैसे सीन तो कुछेक सीन पर बात कर लेते हैं. पहला सीन तो हम पहले ही बता चुके हैं- वही 'लव आज कल' वाला.


दूसरा एक और गजब का सीन याद आ रहा है फिल्म 'गोलियों की रासलीला राम लीला' का. ये जो विधा इस फिल्म में इस्तेमाल की गई, इस बात को कहने से कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इसकी बड़ी वजह फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ही रहे हैं. उनके अलावा, इस तरह से एक्टर्स के अंदर से एक्टिंग निकलवाना सबके बस का है भी नहीं. लेकिन, डायरेक्टर के मन का काम कर जाए वही तो एक्टर है. और इस फिल्म में ये काम दीपिका पादुकोण और दीपिका के हस्बैंड (अब) रणवीर सिंह ने किया. फिल्म में एक सीन होता है जब रजाड़ी और सनेड़ा की आपस की लड़ाई को लेकर दोनों एक तालाब के किनारे आपस में बहस कर रहे होते हैं. (उस सीन को देखने के लिए, नीचे दी गई फोटो से अंदाजा लगा सकते हैं)



नॉर्मली फिल्मों में एक एक्टर के डायलॉग बोलकर उसे खत्म करने के बाद ही दूसरा एक्टर डायलॉग बोलता है. लेकिन, इस सीन में दोनों एक साथ-एक समय पर एक ही एनर्जी (हाई एनर्जी) के साथ एक-दूसरे को ब्लेम करते हुए डायलॉग बोलते नजर आते हैं. ऐसा बॉलीवुड फिल्मों में इसके पहले और इसके बाद देखा नहीं गया. इस विधा (तरीके) को फिल्मों की टर्मिनोलॉजी में कहते हैं-'ओवरलैपिंग डायलॉग'. इस अंदाज में बात करते हुए शाहरुख और सलमान की फिल्म 'हम तुम्हारे हैं सनम में' दोनों एक्टर्स को देखा गया था, लेकिन ये सीन उतना प्रभावी नहीं बन पाया था क्योंकि इस सीन में शाहरुख अकेले ही ओवरलैपिंग डायलॉग्स में मेहनत करते नजर आए थे. लेकिन इस एक्टिंग टेक्निकैलिटी को सबसे पहले बॉलीवुड में किसी ने ढंग से पेश किया तो वो हैं रणवीर सिंह और उनके साथ दीपिका पादुकोण ने. टाइम्स ऑफ इंडिया ने 'राम लीला' में दीपिका की एक्टिंग को लेकर लिखा था- 'दीपिका सांसें रोक देने वाली टॉप फॉर्म में दिखी हैं'


तीसरा ऐसा और गजब का सीन आपको 'कॉकटेल' फिल्म में देखने को मिलेगा जब सैफ और दीपिका आपस में बहस कर रहे होते हैं, क्योंकि उनकी दोस्त उन्हें छोड़कर जा चुकी होती है. इस सीन में भी दीपिका कमाल की एक्टिंग स्किल दिखाती हुई नजर आई थीं.


तब्बू से मेल खाती हैं दीपिका
बॉलीवुड की एकमात्र एक्ट्रेस तब्बू ही हैं, जिन्होंने ऑफबीट और मसाला फिल्मों दोनों में पॉवरफुल रोल निभाते हुए, दोनों तरह की फिल्मों के दर्शकों के बीच में अपनी पॉपुलैरिटी को बनाकर रखा है. इस लिस्ट में शामिल होने वाली हाल फिलहाल की एक्ट्रेस में सिर्फ दीपिका पादुकोण ही नजर आ रही हैं. जो आम मसाला फिल्मों से लेकर एक्टिंग की बारीकियों और मेथड एक्टिंग को समझते हुए अलग तरह की फिल्मों को करने से नहीं कतरातीं. और नतीजा आपके सामने है. वो सबसे बड़ी स्टार्स में से एक हैं.


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