एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ओर से मेंटल हेल्थ को लेकर किए गए कार्यों के लिए 'क्रिस्टल अवार्ड' से सम्मानित किया गया है. इस अवार्ड को लेने के बाद दीपिका स्विट्जरलैंड के लिए निकल गई. वहां उन्होंने डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस से मुलाकात की.
डॉ. टेड्रोस ने दीपिका के साथ की तस्वीर अपने ट्वीटर अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा है. दीपिका के साथ बेहद ही अच्छा समय बीता उन्होंने अपने मेंटल हेल्थ के बारे में बहुत बातें की. उन्होंने कहा, 'मेंटल फीट रहना हर इंसान के लिए बेहद जरूरी है, बिना दिमाग के इंसान का जीवन बेकार है.'
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डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर से बात के दौरान दीपिका ने अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बताया, वह लंबे समय तक लोगों से झूठ बोलती रही जब उनसे पूछा जाता कैसी हो, वह कहती बहुत अच्छी. जबकी वह उन दिनो बहुत परेशान चल रही थी. उस वक्त वह मानसिक बीमारी की शिकार हो चुकीं थी लेकिन ,अपनी परेशानी किसी को बताना नहीं चाहती थीं.
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दीपिका ने इस दौरान अपने साथ घटी एक घटना के बारे में भी बताया. उन्होंने बताया, एक दिन वह अपने बेड से नीचे गिरीं थी और घर पर कोई नहीं था. ऐसे में उनकी काम वाली आई और उन्हें डॉक्टर के पास ले गई. उन्होंने कहा कि हर सुबह उठकर वह हंसने और खुश रहने की कोशिश करती लेकिन, फिर मैं उदास हो जाती थी.
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अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए दीपिका ने कहा अगर कभी भी आपके साथ ऐसा हो तो आप अपनी बातों को दबाकर न रखें. अपनी बातों को किसी से शेयर जरूर करें, इससे आप कभी डिप्रेशन जैसी बीमारी के शिकार नहीं होंगे. उन्होंने यह भी बताया हमारे देश में मां-बाप अपने बच्चों के साथ बैठकर उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश नहीं करते बात-बात पर बच्चों पर चिलाते रहते हैं, इससे उनकी समस्या और भी बढ़ जाती है.