रिलीज से पहले एक्सपर्ट्स को 'पद्मावती' दिखाने से दिल्ली हाई कोर्ट का इनकार
विरोध करने वालों के मुताबिक फिल्म पद्मावती में इतिहास को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है, अलाउद्दीन खिलजी का महिमामंडन किया जा रहा है. इनका आरोप है कि फिल्म में खिलजी और पद्मावती के बीच अंतरंग दृश्य दिखाया गया है.
नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें ‘पद्मावती’ की रिलीज से पहले इतिहासकारों को दिखाने की बात कही गई थी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आप इसको लेकर सेंसर बोर्ड जाइये. ‘पद्मावती’ की रिलीज के खिलाफ दायर याचिका निराशाजनक एवं गलत है और ऐसी याचिकाएं इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को प्रोत्साहन दे रही हैं.
याचिका कर्ताओं से कोर्ट ने सवाल किया कि क्या आपने फ़िल्म देखी? क्या जो लोग फ़िल्म को लेकर विरोध कर रहे हैं उन्होंने देखी? कोर्ट ने कहा कि फ़िल्म का ट्रेलर पूरी फिल्म नहीं बयां करता.
हाइकोर्ट ने कहा कि अभी भी सर्टिफिकेट देने को लेकर अर्ज़ी सेंसर बोर्ड में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जब तक सेंसर बोर्ड तय नहीं करता तो जल्दबाज़ी होगी लिहाज़ा ये याचिका खारिज की जाती है.
आपको बता दें दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि पैनल का गठन कर यह सुनिश्चित करने की मांग की गई थी कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई है.