बर्थडे स्पेशल: मां के बेहद करीब थे देव आनंद, मां के निधन के बाद छोड़ दिया था घर
सदाबहार एक्टर्स में शुमार देव आनंद की आज 96वीं पुण्यतिथि है. देव आनंद का जन्म पंजाब के गुरदास पुर में 26 सितंबर 1923 को हुआ. देव आनंद अपनी मां के बहुत करीब थे वहीं.. वो अपने पिता से ज्यादा बात नहीं किया करते थे..जानें उनके जीवन से जुड़ी ये कहानियां..
बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर्स में शुमार देव आनंद की आज 96वीं जयंती है. देव आनंद का जन्म पंजाब के गुरदासपुर में 26 सितंबर 1923 को हुआ. उनके पिता गुरदासपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जाने-माने वकील और एक सख्त मिसाज शख्स थे. खुद देव आनंद ने कई बार इंटरव्यूज में इस बात का जिक्र किया है. वहीं देव आनंद अपनी मां के बहुत करीब थे.
देव आनंद ने अपनी पहली जॉब 65 रुपए से शुरू की थी. ये नौकरी उन्होंने मिलिटरी सेंसर के ऑफिस में की. इसके बाद देव आनंद ने बतौर क्लर्क एक अकाउंटेंट फर्म में 85 रुपए प्रति माह के लिए नौकरी की. इसके बाद उन्होंने अपने भाई के साथ एक थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया. इसी के बाद उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुआ थी.
देव आंनद जिस दौर में स्ट्रगल कर रहे थे उस दौरान उनके साथ शो मैन राज कपूर भी थे. लेकिन देव आनंद का मानना था राज कपूर को जल्दी ब्रेक मिला था क्योंकि उनके पिता पृथ्वी राजकपूर इंडस्ट्री में बहुत लोगों को जानते थे.
देव आनंद ने एक बार कहा था, ''मैं अपने पिता से डरता था और मैं अपनी मां अपनी के बहुत नजदीक था. मैं 1943 में मुंबई आया. उस दौरान मैं इंडस्ट्री में किसी को नहीं जानता था. दो साल के स्ट्रगल के बाद मुझे पीएल संतोषी ने साल 1945 में फिल्म 'हम एक हैं' में लॉन्च किया.''
मां से था गहरा लगाव
देव आनंद अपनी मां के बेहद करीब थे. अपनी मां का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था, ''मैं अपनी मां के बहुत करीब था, उन्हें हग किया करता था. लेकिन उनका निधन हो गया. वो बहुत बीमार थीं. मैं उनके लिए सुबह 4 बजे जाकर बकरी का दूध लाया करता था. कई बार मैं गुरदासपुर से अमृतसर उनकी दवा लेने जाया करता था. मेरी मां ने मरने से कुछ दिन पहले मेरे पिता को कहा था कि मेरा बेटा बहुत आगे जाएगा. मुझे आज भी उनके ये शब्द याद हैं.''
इसके कुछ ही दिनों बाद उनकी मां का निधन हो गया. सिमी ग्रेवाल को दिए एक इंटरव्यू में देव आनंद ने बताया, ''मैं अपनी मां के लिए दवाइयां लेने गुरदासपुर से अमृतसर गया था. इसी दौरान गोल्डन टैंपल के पास एक शरबत वाला था. मैं वहां शरबत पीने गया. उस दौरान उस शरबत वाले ने कहा था, ''तेरे मत्थे ते एक बड़ा बड्डा सूरज हैगा..तू एक दिन बहुत वड्डा बंदा बनेगा''. मैंने उस दौरान उनकी इस बात पर ध्यान नहीं दिया लेकिन आज भी मेरे जेहन में ये बातें हैं.''
इसी इंटरव्यू में देव आनंद ने बताया था कि किस तरह उन्हें उनकी मां के निधन की खबर मिली थी. उन्होंने बताया, ''हमें उनके निधन के बारे में बताया गया. किसी ने बड़ी ही क्रूरता से हमें इस बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें कुछ नहीं होगा.. लेकिन वो कभी लौट कर नहीं आईं.''
पिता से रहते थे नाराज
देव आनंद के पिता नहीं चाहते थे कि वो फिल्मों में जाएं. फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले उन्होंने अपने पिता से इस बारे में बात भी नहीं की थी. उनका कहना था कि उनके लिए पिता की राय कोई खास मायने नहीं रखती थी इसलिए उन्होंने इजाजत नहीं ली. लेकिन जब देव आनंद ने फिल्म इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया और एक सुपरस्टार बन गए उसके बाद उनके पिता उनसे मिलने गए थे.
इस मुलाकात को याद करते हुए देव आनंद ने सिमी ग्रेवाल के शो में कहा था, ''मेरे पिता अपने अंतिम समय में मुझसे मिलने आए थे. वो काफी कमजोर हो चुके थे. उस दौरान उन्होंने मुझसे कहा था कि मुझे उस दौरान भी पता था कि तुम कुछ बड़ा करोगे. मैंने कभी तुमसे ये कहा नहीं लेकिन मैं तुम्हारी तरक्की पर बहुत मान करता हूं.''