(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
91 साल पहले इस एक्ट्रेस ने पर्दे पर दिया था सबसे लंबा किस सीन, चार मिनट के लिप लॉक से मचा दिया था तहलका
First Longest Kiss Scene: भारतीय सिनेमा के इतिहास का सबसे लंबा ऑनस्क्रीन किस सीन देने का रिकॉर्ड एक एक्ट्रेस के नाम दर्ज है. इस एक्ट्रेस ने 1933 में आई फिल्म में किस सीन देकर बवाल मचा दिया था.
Indian Cinema First Longest Kiss Scene: आज के दौर में बड़े पर्दे पर स्टार्स का इंटीमेट सीन देना कोई बड़ी बात नही है. हालांकि, 30-40 के दशक में, किस सीन करने से भी स्टार्स परहेज करते थे. लेकिन भारत की पहली महिला सुपरस्टार ने इंडियन सिनेमा में पहला ऑन-स्क्रीन किस किया था जो इंडस्ट्री का सबसे लंबा लिप लॉक था और आज तक कोई इसका रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाया है.
हम जिस अभिनेत्री की बात कर रहे हैं उन्होंने 10 सालों तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया. उन्होंने तब सुर्खियां बटोरीं जब वह अपने पति को छोड़कर अपने को-स्टार्स के साथ भाग गईं और बाद में वापस लौटने के लिए पैसे की मांग की थी. ये अदाकारा कोई और नहीं देविका रानी थीं
देविका रानी ने ऑनस्क्रीन किया था किस
दरअसल साल 1933 में फिल्म कर्मा आई थी. इस फिल्म में देविका रानी और हिमाशुं रॉय ने लिप लॉक किया था. इस जोड़ी ने ऑनस्क्रीन चार मिनट का किस सीन दिया था. उस जमाने में जब मिहालों का फिल्मों में कान करना भी बड़ी बात थी तब देविका रानी ने किस सीन देकर खूब तहलका मचा दिया था. हालांकि ये सीन कोई लव मेकिंग सीन नहीं था. बल्कि देविका फिल्म में बेहोश हिमांशु को उठाने के लिए उन्हें किस करती दिखती हैं.
फिल्म को बैन करने की हुई थी मांग
बता दें कि देविका रानी और हिमांशु राय असल जिंदगी में पति-पत्नी थे इसी वजह से दोनों को किस सीन करने में कोई आपत्ति नहीं हुई थी. लेकिन देविका रानी के इस किस सीन पर काफी हंगामा खड़ा हो गया था. यहां तक कि फिल्म को बैन करने की मांग भी उठी थी. ये फिल्म देविका की पहली फिल्म थी और इसे हिमांशु राय ने डायरेक्ट किया था.
इंग्लैंड में पली-बढ़ीं थीं देविका रानी
एक अमीर परिवार में जन्मी देविका रानी को नौ साल की उम्र में इंग्लैंड के बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया गया और वे वहीं पली बढ़ीं. 1928 में उनकी मुलाकात भारतीय फिल्म निर्माता हिमांशु राय से हुई और अगले साल उन्होंने उनसे शादी कर ली. उन्होंने राय की एक्सपेरिमेंटल मूक फिल्म ए थ्रो ऑफ डाइस (1929) के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन और आर्ट डायरेक्शन में हेल्प की थी.
बाद में उन दोनों ने फिल्म कर्मा से अपनी शुरुआत की. इस फिल्म का प्रीमियर 1933 में इंग्लैंड में हुआ था, ये फिल्म भारत में बुरी तरह फ्लॉप हो गई थी. हालांकि, इस फिलम से बॉलीवुड में देविका रानी के सफल करियर की शुरुआत हुई. इस जोड़े ने बॉम्बे टॉकीज़ नाम से अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया, जो देश के "सर्वश्रेष्ठ-सुसज्जित" फिल्म स्टूडियो में से एक था. स्टूडियो ने दिलीप कुमार, लीला चिटनिस, मधुबाला, राज कपूर, अशोक कुमार और मुमताज सहित कई एक्टर्स के लिए लॉन्च पैड के रूप में काम किया. स्टूडियो की पहली फिल्म जवानी की हवा (1935), एक क्राइम थ्रिलर थी जिसमें देविका रानी और नज्म-उल-हसन ने अभिनय किया था. इस मूवी की पूरी शूटिंग ट्रेन में की गई थी.
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