अपनी शानदार एक्टिंग और दमदार आवाज़ के ज़रिए फैंस के दिलों पर राज करने वाले 70 के दशक के सुपरस्टार धर्मेंद्र (Dharmendra) के आज भी लाखों फैन हैं. उन्होंने अपनी अदाकारी से हमेशा ही लोगों का दिल जीता. वैसे धर्मेंद्र (Dharmendra) ने फिल्म इंडस्ट्री में सफलता हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष किया. जब धर्मेंद्र स्टार बन गए तो बॉलीवुड में उन्हें ही-मैन का टैग दिया गया. इतना ही नहीं धर्मेंद्र को उस वक्त का मोस्ट हैंडसम हीरो कहा जाता था, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचना धर्मेंद्र के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था. धर्मेंद्र की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी था जब टैलेंट हंट जीतने के बाद भी उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में काम नहीं मिल रहा था. सरसों का साग और देसी घी की रोटी खाने वाले धर्मेंद्र को उन दिनों पैसों की तंगी की वजह से पूरा-पूरा दिन सिर्फ एक वड़ा पाव खाकर भी ग़ुजारा करना पड़ता था.






संघर्ष के दिनों में एक बार धर्मेंद्र रात को अपने घर पहुंचे तब ना तो उनके पास पैसे थे और ना ही खाने के लिए कुछ. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस होटल पर धर्मेंद्र का उधारी खाता चलता था उसने भी खाना देने से मना कर दिया था. उस वक्त भूख के मारे धर्मेंद्र का बुरा हाल था, तभी सामने रखी ईसबगोल की शीशी पर उनकी नज़र पड़ी और उन्होंने पूरी शीशी को पानी में मिलाकर पी लिया.सुबह तक धर्मेंद्र की बुरी हालत हो गई, इत्तेफाक से धर्मेंद्र के एक दोस्त उनसे मिलने आए. धर्मेंद्र की हालत देखकर वो दोस्त उन्हें अस्पताल लेकर गया. जब धर्मेंद्र के दोस्त ने डॉक्टर से पूछा कि इसे कौन सी दवाई देनी है तो डॉक्टर ने जवाब दिया इसे दवाई की नहीं पेट भर खाने की जरूरत है.






धर्मेंद्र ने अपनी जीवन में ऐसे दिन भी देखें हैं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे. फिर एक दिन वो बन गए हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार, जिन्होंने अपने करियर में 'चुपके-चुपके', 'शोले', 'धरमवीर', 'सीता और गीता', 'मेरा गांव मेरा देश' और 'ड्रीम गर्ल' जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया.


यह भी पढ़ेंः


निशा रावल की इस सोच पर फिदा हुईं कंगना रनौत, जमकर की तारीफ


भाबीजी घर पर हैं: होली के रंगों के साथ होने वाली है नई अनीता भाभी की एंट्री, विदिशा श्रीवास्तव होली में लगाएंगी चार चांद