मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग की ओर से कूपर अस्पताल और मुंबई पुलिस को भेजे गए नोटिस पर आज फैसला सुनाया गया, जिसमें आयोग ने कूपर अस्पताल और मुंबई पुलिस को क्लीन चीट दे दी. दोपहर एक बजे के करीब आयोग के एक्टिंग चेयरपर्सन एम. ए. सय्यद ने मीडिया रिपोर्ट्स को गलत ठहराते हुए यह फैसला सुनाया.


ध्यान हो कि 26 तारीख को मानवाधिकार आयोग ने कूपर अस्पताल और मुंबई पुलिस को एक नोटिस जारी किया था, जो मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 जून को जब सुशांत की मौत हुई थी. सुशांत की गर्लफ्रेंड और केस की मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती सुशांत के शव को देखने कूपर अस्पताल के मोर्चरी में गई थीं. जिसके बाद कूपर अस्पताल और मुंबई पुलिस पर कई सवाल उठे थे. इस आधार पर महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने दोनों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था.


कूपर अस्पताल और मुंबई पुलिस की ओर से आयोग को सौंपे गए दस्तावेज को देखने के बाद आज आयोग ने मीडिया की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को गलत ठहराया. एम.ए. सय्यद ने एबीपी से बात करते हुए बताया कि कूपर अस्पताल ने इस बात को माना कि 15 जून को रिया सुशांत के शव को देखने के लिए कूपर अस्तपाल पहुंचीं थीं, लेकिन नियम के तहत रिया को मोर्चरी के अंदर जाने की इजाज़त नहीं दी गई थी. रिया अस्पताल के वेटिंग एरिया में ठहरी हुईं थीं. 15 तारीख को सुशांत के पोस्टमॉर्टम के बाद सुशांत का शव उनकी बहन मीतू को सौंप दिया गया था.


मानवाधिकार आयोग के एक्टिंग चेयरपर्सन सय्यद के मुताबिक जिन मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया कि रिया अस्पताल के मोर्चरी में दाखिल हुई थीं, इसे साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं. इसलिए मीडिया रिपोर्ट्स को निराधार बताते हुए मानवाधिकार आयोग ने कूपर अस्पताल और मुंबई पुलिस को क्लीन चीट देने का फैसला लिया.


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