जब अच्छे रोल न मिलने की वजह से Dilip Kumar हो गए थे फ्रस्ट्रेट, बोले- अच्छी स्क्रिप्ट की जगह रेडीमेड कैसेट के साथ आते हैं
Dilip Kumar Birth Anniversary: दिलीप कुमार की 11 दिसबंर को बर्थ एनिवर्सरी है. दिलीप कुमार इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर हैं. उन्होंने अपने काम से भारतीय सिनेमा में अहम योगदान दिया है.
Dilip Kumar Birth Anniversary: सुपरस्टार दिलीप कुमार आज भले ही हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनका काम आज भी लोगों के बीच में जिंदा है. दिलीप कुमार ने शानदार फिल्में इंडस्ट्री को दी है. नई जेनरेशन उन्हें फॉलो करके एक्टिंग के गुर सीखती है. दिलीप कुमार ने 1944 में डेब्यू किया था. वो फिल्म ज्वार भाटा में नजर आए थे.
अच्छे रोल्स न मिलने की वजह से फ्रस्टेट हुए थे दिलीप कुमार
दिलीप कुमार ने सालों काम करने बावजूद अपने रोल्स के लेकर निराशा व्यक्त की थी. South Asia Monitor से बातचीत में उन्होंने कहा था कि कभी कभी वो काम की वजह फ्रस्टेटेड फील करते हैं.
दिलीप कुमार ने कहा था- 'मैं ये ऐसा कहना नहीं चाहता हूं लेकिन अच्छे ऑफर्स के लिए हफ्तों और महीनों तक इंतजार करने की वजह से मैं कई बार निराश हो जाता था. आज के समय में लोग मेरे पास अच्छी स्क्रिप्ट के बजाय रेडीमेड ऑडियो कैसेट लेकर आते हैं. वो उम्मीद करते हैं कि मैं उसी की नकल करूं.'
अपनी उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा था- 'मैंने अभी शुरुआत भी नहीं की. बहुत कुछ करना था, लेकिन हमें फ्रेमवर्क के अंदर ही काम करना होता है. अच्छी परफॉर्मेंस के लिए आपको अच्छी फिल्में, थीम, कैरेक्टर्स चाहिए होते हैं. हमने सबकुछ डेवलप कर लिया है लेकिन हमारे देश के हिसाब से हमारे पास मॉडर्न लिटरेचर नहीं है. हमने अपनी संस्कृति को अनदेखा किया है. सिनेमा ये सब दर्शाता है. काश मुझे कुछ अच्छे किरदार निभाने को मिलते. हमारे पास जो है उसमें सुधार करने का प्रयास किया गया है.'
इन फिल्मों में दिखे थे दिलीप कुमार
दिलीप के काम की बात करें को 1947 में आई जुगनू उनकी पहली बॉक्स ऑफिस हिट फिल्म थी. उन्होंने अंदाज, आन, दाग, इंसानियत, आजाद, नया दौर, मधुमति, मुगल-ए-आजम, पैगाम, गंगा जमुना और राम और श्याम जैसी फिल्में की हैं.
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