Bollywood Film Based On History: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐतिहासिक विषयों पर एक से बढ़कर एक फिल्मों का निर्माण हो चुका है. उन फिल्मों की सूची में ताजमहल, जोधा अकबर, रजिया सुल्तान, बाजीराव मस्तानी, पानीपत और बॉलीवुड में मील का पत्थर कही जाने वाली मुगल-ए-आजम जैसी फिल्मों का नाम शामिल है. हालांकि ऐताहासिक पृष्ठभूमि पर बनी फिल्मों में मुगल-ए-आजम का एक अलग ही मुकाम है. 5 अगस्त 1960 को रिलीज़ हुई इस फिल्म को बॉलीवुड के जीनियस फिल्म निर्देशक के आसिफ ने बनाया था. उनके बारे में ये बात कही जाती है कि वो बस मुगल-ए-आजम बनाने के लिए ही पैदा हुए थे. उन्होंने उस दौर के सबसे बड़े सितारे दिलीप कुमार, मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर, दुर्गा खोटे और अजीत को साथ लेकर फिल्म का निर्माण किया था.
फिल्म की कहानी
इस फिल्म में मुगल काल के शहंशाह अकबर(पृथ्वीराज कपूर) और उनके बेटे सलीम(दिलीप कुमार) की कहानी दिखाई गई है. फिल्म में सलीम और उनकी कनीज(मधुबाला) के इश्क को दिखाय गया है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक बेटा पिता के खिलाफ खड़ा हो जाता है. शंहशाह जिसे हिंदुस्तान से प्यार है वो किसी कनीज को मलिका-ए-हिंदुस्तान बनते नहीं देख सकता. इस ऐतिहासिक फिल्म ने हिंदुस्तानी सिनेमा का इतिहास ही बदल दिया. इसके बाद फिर कोई और फिल्म ऐसी न बन सकी.
फिल्म की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसके सभी किरदार आज भी जीवंत लगते हैं. फिल्म के दृश्य बेहतरीन तरीके से एतिहासिक शानों शौकत की झलक को पेश करते हैं. इसके लिए के आसिफ ने काफी मेहनत की. फिल्म को हकीकत के करीब दिखाने के लिए इसमें नकली की जगह असली मोतियों का इस्तेमाल किया गया. पृथ्वीराज कपूर रेत पर नंगे पैर चले जिससे वास्तविकता की झलक दिख सके. फिल्म में भव्य सेट का प्रयोग किया गया. फिल्म के गाने-संगीत, फिल्मांकन और संवादों की जमकर तारीफ हुई. इसके साथ कलाकारों के अभिनय को भी खूब पसंद किया गया.
फिल्म को तीन कैटेगरी में फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. फिल्म को काफी बड़े बजट के साथ बनाया गया. रिलीज के बाद मुगल-ए-आजम हर तरफ छा गई थी. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर उस वक्त करीब 11 करोड़ रुपये की कमाई की थी. साल 2009 में एक रिपोर्ट में बताया गया कि अगर महंगाई के हिसाब से देखा जाए तो मुगल-ए-आजम ऑल टाइम सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है.