Bollywood Best Film On Poverty: गरीबी एक ऐसी भयानक बिमारी का नाम है, जिसे एक ज़माने से ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है. इस बिमारी को खत्म करने की पहल हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के दौर में शुरू हुई थी, जो वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौर तक जारी है. हिन्दी सिनेमा ने भी कई बेहतरीन फिल्मों के ज़रिए गरीबी को पर्दे पर उताराने की कोशिश की है. गरीबी पर बनी फिल्मों में दिलीप कुमार और नितिन बोस के निर्देशन में बनी 'गंगा जमना' एक अहम फिल्म मानी जाती है.
कहा जाता है कि इस फिल्म का निर्माण दिलीप कुमार ने महबूब खान से नाराज़ होने के बाद किया था. 1961 में आई इस फिल्म का लेखन भी दिलीप कुमार ने ही किया था. इसमें दिलीप कुमार और वैजयन्ती माला ने मुख्य रोल निभाया था. इस फिल्म ने बहुत ही शानदार ढंग से एक किसान के जीवन को पर्दे पर उतारा. किस तरह से एक साहूकार मेहनती किसान को किसान से डाकू बनाने के काम को अंजाम देता है.
फिल्म में एक सीन है, जिसमें किसान पर झूठे आरोप लगवाकर उसे झगड़े के लिए उकसाया जाता है और फिर उसे जेल भेज दिया जाता है. इसके बाद से गंगा के भाई जमना की पढ़ाई पैसों की किल्लत की वजह से रुक जाती है. इसके अलावा एक सीन में गंगा अपने गांव वालों से बचकर भागता है और भूख-प्यास से उसकी हालत बिगड़ जाती है. फिल्म के इस सीन में एक किसान की मजबूरी और उसके हालात को जिस मार्मिक ढंग से फिल्माया गया था, वो काबिले तारीफ है.
इस फिल्म की कहानी भी उस दौर में काफी पसंद की गई थी. फिल्म में गंगा और जमना विधवा मां के दो बेटे हैं. गंगा मां के साथ जमींदार के पास काम करता है, तो वहीं जमना शहर जाकर पढ़ाई करता है और बाद में पुलिस अफसर बन जाता है. इस फिल्म ने दिलीप कुमार को सिनेमा की दुनिया में काफी आगे पहुंचा दिया था और ये उनके करियर की बेहतरीन फिल्मों में शुमार हो गई.