चेन्नई: साउथ के मशहूर अभिनेता रजनीकांत ने शनिवार को कहा कि लंबे समय से पालन की जा रही मंदिर की परंपराओं में कोई भी 'हस्तक्षेप' नहीं होना चाहिए. सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश और उसके बाद से हो रहे प्रदर्शनों पर रजनीकांत का ये पहला बयान है.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की बराबरी को लेकर कोई दूसरा मत नहीं है. रजनीकांत ने कहा, "जब आप किसी मंदिर के बारे में बात करते हैं तो प्रत्येक मंदिर के कुछ रीति-रिवाज एवं परंपराएं होती हैं, जिनका लंबे समय से पालन हो रहा है. मेरी विनम्र राय यह है कि किसी को भी उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए."
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान होना चाहिए हालांकि इस ओर भी इशारा किया कि बात जब धर्म एवं संबंधित रिति-रिवाजों की हो तो एहतियात बरतना चाहिए. सरकार ने जब से कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी तभी से सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग (10 से 50 साल) की लड़कियों एवं महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ केरल में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
इस दौरान रजनीकांत से #MeToo कैम्पेन को लेकर भी सवाल हुए. इस पर उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के लिए हितकारी था. हालांकि उन्होंने चेताया, "इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए और उचित तरीके से प्रयोग होना चाहिए."
यह भी देखें:
ये भी पढ़ें:
अमृतसर ट्रेन हादसा: शोक में बॉलीवुड सितारे, ट्वीट कर परिवार को दे रहे हैं सांत्वना
#MeToo पर तापसी पन्नू को लेकर यूजर ने किया ऐसा भद्दा ट्वीट, अभिनेत्री ने लगा दी फटकार
VIDEO: नवरात्रि की आखिरी रात डेजी शाह ने किया जबरदस्त गरबा, बेहद खास है उनका ये अंदाज
किसी भी फिल्म में काम करते वक्त सभी चुनौतियों और आशंकाओं को किनारे रख दें : अमिताभ
In Pics: दुर्गा पूजा पंडाल पहुंचीं काजोल की बहन तनीषा मुखर्जी, भंडारे में सबको खिलाया खाना