नई दिल्ली: ‘बाहुबली: द कन्क्लूजन’ को लेकर लोगों में भारी क्रेज देखने को मिल रहा है. दर्शक हों या फिर समीक्षक इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे. ये फिल्म मूल रूप से तेलुगू में बनी है. क्या आपको पता है कि इसके हिंदी वर्जन में बाहुबली को किसने अपनी आवाज दी है? नहीं ना...तो हम आपको बता रहे हैं. कई सारी फिल्मों और फेमस हिंदी धारावाहिक में नज़र आ चुके अभिनेता शरद केलकर ने अपनी बाहुबली को अपनी दमदार आवाज दी है जिसके सभी कायल हैं.



टीवी की दुनिया के नामचीन शरद केलकर को उनकी दमदार आवाज के लिए काफी सराहा जाता रहा, लेकिन उनकी जिंदगी में यूटर्न उस वक्त आया, जब उन्होंने राजामौली की फिल्म 'बाहुबली' के लिए वॉयस टेस्ट दिया. इस बारे में खुद शरद केलकर का कहना है कि लोगों को यकीन ही नहीं होता कि उन्होंने बाहुबली के किरदार की डबिंग की है. बकौल शरद, यह फिल्म सफलता के नए पैमाने गढ़ने जा रही है. वह भविष्य में राजामौली की फिल्म में अभिनय करने को लेकर भी आश्वस्त हैं.


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शरद केलकर ने 'बाहुबली' का हिस्सा बनने के सफर के बारे में बताया, "मैं टीवी पर कई साल से काम कर रहा हूं. काफी लोग बोलते थे कि आपकी आवाज बहुत अच्छी है, डबिंग क्यों नहीं करते. एक डबिंग कंपनी है, जो बहुत सारी हॉलीवुड फिल्म की डबिंग करती हैं और उसका नाम ही 'डबिंग' है. मैंने वहां से डबिंग के गुर सीखे. मैं पेशेवर तरीके से डबिंग नहीं कर रहा था, लेकिन वहां से शुरुआत हुई."



वह बताते हैं, "मैंने इस सीरीज की दोनों फिल्मों की डबिंग की है, लेकिन जब मैं लोगों को बताता हूं कि मैंने फिल्म में बाहुबली को आवाज दी है तो वे चौंक जाते हैं. उन्हें यकीन ही नहीं होता. मैं करण जौहर को बहुत पहले से जानता हूं, लेकिन जब उन्हें पता चला कि मैंने फिल्म में डबिंग की है, तो वह हैरान हो गए."


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अमूमन, डबिंग के दौरान भाषाई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी तरह की दिक्कतों के बारे में वह कहते हैं, "मैं एक डबिंग कलाकार नहीं हूं.. एक अभिनेता हूं, लेकिन मैं पूरी फिल्म देखने के बाद ही डबिंग करता हूं. मध्यप्रदेश में पला-बढ़ा हूं तो इस लिहाज से मेरी हिंदी बहुत अच्छी है. मैं डबिंग में अपने हिसाब से शब्दों में फेरबदल कर देता था. थोड़ा बहुत मुश्किल है, लेकिन मुझे हिंदीभाषी और एक अभिनेता होने के नाते ज्यादा परेशानी नहीं हुई."


शरद ने सिर्फ पांच दिनों में फिल्म की डबिंग पूरी कर दी थी. वह कहते हैं, सीरीज की पहली फिल्म में थोड़ा समय लगा, लेकिन दूसरी फिल्म की डबिंग पांच दिनों में पूरी हो गई.



शरद ने राजामौली के साथ काम करने के अनुभव के बारे में बताया, "मैं राजामौली जैसे निर्देशक के साथ काम करने के मौके को गंवाना नहीं चाहता था. उनके साथ काम करना सपने के सच होने जैसा है. मैंने उनकी सभी फिल्में देखी हैं. वह हमेशा नए विषयों पर काम करते हैं. किसी कहानी को पेश करने का उनका तरीका अनूठा होता है. उनके साथ काम करना वाकई काफी मजेदार रहा."


फिल्म के साथ हाल ही में हुए विवाद के बारे में पूछने पर शरद कहते हैं, "कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना. विवाद होते रहेंगे. विवादों से कुछ फिल्मों पर फर्क नहीं पड़ता तो कुछ बुरी तरह से प्रभावित होती है, लेकिन मेरा मानना है कि विवादों पर ध्यान नहीं देना चाहिए."


शरद की इच्छा राजामौली के साथ काम करने की है. वह कहते हैं, "मेरी भी इच्छा थी कि बाहुबली जैसी फिल्म में अभिनय करूं. इन दोनों फिल्मों में तो संभव नहीं था, लेकिन उम्मीद है कि राजामौली सर को मेरा काम पसंद आए और वह मुझे इस सीरीज की अगली फिल्म में अभिनय करने का मौका दें.