महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा है कि उन्हें आलोचना से कोई परेशानी नहीं होती क्योंकि इससे कम से कम यह तो सुनिश्चित होता है कि रचनात्मक काम को दर्शक देख रहे हैं, बनिस्पत इसके कि लोग फिल्म देख ही नहीं रहे.

टाटा लिटरेचर लाइव के नौंवे संस्करण में गुरुवार को सिद्धार्थ धनवंत सांघवी की किताब ‘‘दी रैबिट ऐंड दी स्क्विरल’’ के विमोचन के मौके पर बच्चन और उनकी पत्नी जया, लेखक से बातचीत कर रहे थे. उनसे पूछा गया कि वह आलोचनाओं को किस तरह लेते हैं तो जया ने कहा, ‘‘ मैं वास्तव में परवाह नहीं करती.’’

बता दें कि अमिताभ बच्चन की हालिया रिलीज 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' की काफी आलोचनाएं हुई थी. अब बच्चन ने कहा, ‘‘ इससे पहला भरोसा यह मिलता है कि किसी ने तो आपके काम को देखा है. रचनात्मक क्षेत्र में यह हमारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि अगर कोई हमारी फिल्में देखने नहीं जाएगा तो यह तो बहुत ही बुरी बात होगी. यह उन पहली चीजों में से एक है जो आपके दिमाग में आती है.’’



उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन गंभीरता से, मैं आलोचना स्वीकार करूंगा. मैं आलोचना को पसंद करूंगा क्योंकि इससे आपको अपने काम के उस पहलू से रूबरू होने का मौका मिलता है जिससे कि शायद आप परिचित नहीं हों.’’

बच्चन ने कहा, ‘‘ ऐसी स्थिति में जब कि आपको लगा हो कि जो बात कही गई है वह गलत है तो पेपर में से आलोचना वाला हिस्सा काट कर अपने बाथरूम में चिपका लीजिए और हर सुबह दर्पण में देखकर कहिए कि ‘‘ एक दिन मैं तुम्हें गलत साबित कर दूंगा.’’