चेन्नई: दक्षिणपंथी चरमपंथ के बारे में अपनी टिप्पणी को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया पर दिग्गज अभिनेता कमल हासन ने कहा कि उनकी मंशा हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने की कभी नहीं रही और वह किसी भी धर्म के नाम पर हिंसा का विरोध करते हैं.


अपनी 63वीं सालगिरह पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हासन ने यह बात कही. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीद की जा रही थी कि सियासत में कदम रखने के विषय में लंबे अरसे से चल रहे संकेतों पर वह कोई बड़ा एलान कर सकते हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि वह पहले से ही इसमें हैं.


दिग्गज अभिनेता ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं पहले से ही यहां हूं (सियासत में हूं) और इस मुद्दे पर विभिन्न विशेषज्ञों से चर्चा कर रहा हूं.’’ एक तमिल साप्ताहिक में पिछले हफ्ते छपे अपने आलेख का जिक्र करते हुए हासन ने कहा कि किसी भी धर्म के नाम पर हिंसा उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि यह हिंसा के खिलाफ नहीं बल्कि अंदेशों के खिलाफ उनकी अपील थी.


हासन ने कहा कि उन्होंने कभी ‘आतंकवाद’ का शब्द इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हिंदुओं की भावनाएं आहत करने की मंशा से शुरूआत नहीं की.’’ हासन का कहना है कि उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं कि हॉल में या यहां तक कि देश में कितने हिंदू मौजूद हैं, लेकिन उनकी चिंता उनके प्रति है जो घर में है.


हासन ने कहा, ‘‘मैं रो पड़ूगा अगर उन्होंने (परिवार ने) मुझे मुहब्बत नाम के हथियार से वंचित कर दिया.’’ दिग्गज अभिनेता हाल में उस वक्त विवादों में घिर गए जब पिछले हफ्ते उन्होंने उसपर आक्रमण किया जिसे वह हिंदू चरमपंथ कहते हैं. उनका कहना था कि दक्षिणपंथी हिंदू समूहों ने हिंसा का रास्ता अपनाया है, क्योंकि उनकी पहले की रणनीति ने काम करना बंद कर दिया.


उत्तर प्रदेश की एक अदालत में हासन के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें अभिनेता पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपनी टिप्पणियों से कथित रूप से हिंदुओं की भावनाएं आहत की हैं.