नई दिल्ली: भारतीय सिनेमा में कुछ ही कलाकार ऐसे हुए हैं जिन्होंने अपने शौक को करियर बनाया और बाद में वे इसमें सफल भी हुए. ऐसे ही एक कलाकार हैं डा श्रीराम लागू. डॉ लागू वैसे तो पेशे से ईएनटी सर्जन थे. लेकिन डॉक्टरी की पढ़ाई के दौरान ही उन्हें अभिनय का शौक लग गया. शौक भी ऐसा कि वे बाद में मराठी थियेटर के नट सम्राट कहलाए. उन्होने कई हिंदी फिल्मों में चरित्र अभिनेता के रूप में अभिनय किया. नाट्य विधा के महारथी और शानदार अभिनेता डॉ श्रीराम लागू का आज जन्मदिन है.


श्रीराम लागू का जन्म 16 नवंबर 1927 में महाराष्ट्र सतारा में हुआ था. वे एक मझे हुए थियेटर कलाकार थे. खास बात ये है कि जितना उनके अभिनय को फिल्मों में सराहा गया उससे कहीं अधिक थियेटर के विकास में उनके योगदान को लेकर उनकी प्रशंसा होती है.


डॉ लागू ने हिंदी और मराठी फिल्मों में भी काम किया. उन्होंने करीब 100 से अधिक फिल्मों में चरित्र भूमिका निभाई. 1978 में फिल्म घरौंदा के लिए डॉ लागू को सर्वेश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया. फिल्मों और नाटकों में अभिनय करने से पहले डॉ लागू कुछ वर्षों तक अफ्रीका में भी रहे जहां उन्होंने एक चिकित्सक के तौर पर काम किया. बाद में वे भारत लौट आए और थियेटर में सक्रिय हो गए. 70 के दशक तक आते आते डॉ लागू देश में एक अच्छे थियेटर कलाकार के रूप में स्थापित हो चुके थे.



फोटो साभार-(@ShreeRamLagu)

डॉ लागू प्रसिद्ध नाटक नट सम्राट के पहले हीरो थे. इस नाटक को प्रसिद्ध लेखक कुसुमाग्र ने लिखा था,जिसमें उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है. इस नाटक में अपने शानदार अभिनय के बाद उन्हें नट सम्राट कहा जाने लगा. खुद्दार,औरत तेरी यही कहानी, काला बाज़ार, विधाता और लावारिस ऐसी फिल्में है जिसमें उनके शानदार अभिनय के लिए आज भी याद किया जाता है.


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