स्टारकास्ट: सोनम कपूर आहूजा, अनिल कपूर , राजकुमार राव, जूही चावला


डायरेक्टर: शैली चोपड़ा धर 

रेटिंग: 2.5/5 स्टार


आज सोनम कपूर आहूजा और अनिल कपूर स्टारर फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म को ऑडियंस की ओर से भी मिला जुला रिस्पॉन्स मिला है. फिल्म में LGBT समुदाय के लोगों के मसले को दिखाने और उनका पक्ष दर्शकों के समक्ष रखने की कोशिश की गई है.


फिल्म के ट्रेलर से ही साफ हो गया था कि फिल्म में एक प्रेम कहानी है जो कि एक लड़का और लड़की के बीच में नहीं बल्कि एक लड़की और लड़की की है. इसमें सोनम कपूर मेन लीड में नजर आ रही हैं और उनका साथ स्क्रीन पर देते नजर आ रहे हैं राजकुमार राव. इसके अलावा अनिल कपूर और जूही चावला भी करीब 18 साल बाद एक साथ ऑनस्क्रीन नजर आ रहे हैं. फिल्म में सोनम कपूर की लेडी लव का किरदार साउछ एक्ट्रेस  Regina Cassandra निभा रही हैं.



फिल्म का निर्देशन शैली चोपड़ा धर ने किया है और इसकी कहानी खुद LGBT समुदाय से संबंध रखने वाली गजल धालीवाल ने लिखी है. इसमें उनका साथ शैली चोपड़ा ने दिया है.


फिल्म की कहानी


फिल्म के ट्रेलर से ही फिल्म की कहानी का अंदाजा पूरी तरह से लगाया जा सकता है. स्वीटी (सोनम कपूर) पंजाब के मोगा शहर के एक नामी बिजनेसमैन की बेटी हैं और राजकुमार राव एक प्ले डायरेक्टर और राइटर हैं. सोनम कपूर फिल्म में लेसबियन लड़की को रोल प्ले कर रही हैं. लेकिन वो समाझ की एक्सेप्टेंस के डर से अपना ये सच किसी को नहीं बताती.


हालांकि उनका भाई बबलू (अभिषेक दूहन) सोनम की इस सच्चाई को जानता है. लेकिन वो इसी एक बीमारी सोचता है और इस उम्मीद में किसी से कुछ नहीं कहता कि एक दिन उसकी बहन ठीक हो जाएगी. वहीं, दूसरी ओर स्वीटी बचपन से अपनी इस सच्चाई को अपने दिल में ही दबाए रखती है और खुद को बंधा हुआ महसूस करती है.



स्वीटी को लगता है कि कोई भी समाज में उसकी इस सच्चाई को एक्सेप्ट नहीं करेंगे और वो बचपन से ही अकेली रही है. इसलिए वो फैसला कर लेती है कि अपने परिवार की खुशी और इज्जत के लिए वो हमेशा चुप रहेगी. एक ओर उसका परिवार उसकी शादी करवाना चाहता है और दूसरी ओर उसे अपने ही जैसी एक लड़की मिल जाती है जिससे उसे प्यार हो जाता है. पूरी फिल्म में सोनम कपूर एक सीक्रेट लव अफेयर में होती हैं. उनकी इस सीक्रेट लव स्टोरी के हमराज राजकुमार राव बनते हैं.


इसी बीच एंट्री होती है राजकुमार राव और जूही चावला की. राजकुमार फिल्म में एक मुस्लिम निर्देशक साहिल मिर्जा का किरदार निभा रहे हैं और जूही चावला उनकी कुक बनी हैं जो एक्ट्रेस बनने का सपना रखती हैं. राजकुमार राव की मुलाकात सोनम से होती है और वो पहली ही नजर में उन्हें दिल दे बैठते हैं.



राजकुमार अपने प्यार को आगे बढ़ाने के लिए सोनम के घर पहुंचते हैं और हिंदू मुस्लिम विवाद के बाद अनिल कपूर इन दोनों के रिश्ते के लिए मान जाते हैं और सोनम भी इसके लिए हां कर देती हैं. इसके बाद कहानी में कुछ और ट्विस्ट रखे हैं जो कहानी को अंत तक ले जाते हैं.


निर्देशन 


फिल्म का निर्देशन शैली चोपड़ा ने किया है और बतौर पहली फिल्म उन्होंने इसे काफी अच्छे से निभाया है. लेकिन फिल्म बीच-बीच में मुद्दे से भटकती नजर आती है. कुछ सीन्स में एक्टर्स की कैमेस्ट्री और कहानी दोनों ही रिदम से परे दिखते हैं. कंटेंट के हिसाब से फिल्म एक बोल्ड मुद्दे पर बनाई गई है लेकिन इसे और बेहतर तरीके से ट्रीट किया जा सकता था.



एक्टिंग


फिल्म में सभी ने अच्छा अभिनय करने की कोशिश की है लेकिन फिल्म में कई कमजोर कड़ियां नजर आती हैं. फिल्म में अनिल कपूर, जूही चावला और राजकुमार राव ने अच्छा अभिनय किया है. फिल्म में कई इमोशनल सीन्स हैं लेकिन सोनम कपूर उनके साथ न्याय करने में असफल नजर आती हैं. कहानी के लिहाज से ये एक काफी इमोशन डिमांडिग फिल्म है लेकिन कमजोर अभिनय के चलते दर्शकों के दिल को छू पाने में असफल नजर आती है.


फिल्म में अनिल कपूर ने सबसे शानदार एक्टिंग की है और कई बार फिल्म को अपने कंधों पर आगे बढ़ाया है. इसके अलावा कई सपोर्टिंग एक्टर्स भी इसमें नजर आ रहे हैं लेकिन फिल्म में कई सीन ऐसे हैं जिन्हें देखकर आपको लगता है कि इनमें ओवर एक्टिंग की गई है. 


म्यूजिक


फिल्म पंजाब की पृष्ठभूमि पर बनी है इसलिए इसमें पंजाबी म्यूजिक का जबरदस्त तड़का है. इसका म्यूजिक रोचक कोहली ने दिया है. फिल्म में कुल पांच गाने रखे गए हैं. फिल्म का टाइटल ट्रेक एक रीमेक है और उसे रोच कोहली ने दरशन रावल ने आवाज दी है. इसके अलावा पंजाबी के फोत सिंगर कंवर ग्रेवाल ने भी एक बेहद खूबसूरत गाने 'चिट्ठिए' को गाया है. फिल्म में दो पैपी नंबर भी रखे हैं जिनमें से एक 'गुड़ नाल इश्क मिठा' और 'हाउस पार्टी' दोनों ही डांस नंबर हैं. फिल्म का टाइटल ट्रेक और  'गुड़ नाल इश्क मिठा' सबसे ज्यादा पॉप्यूलर है.


क्यों देखें और क्यों न देखें




  • फिल्म एक बेहद बोल्ड और संवेंदनशील मुद्दे पर बनी है. ऐसे मसले को उठाना और उसे शालीनता से पर्दे पर दिखाना एक चैलेंज है. फिल्ममेकर्स ने अपने इस काम को बेहद अच्छे तरीके से निभाया है.

  • इसके अलावा फिल्म में हिंदू-मुस्लिम मुद्दे की भी एक झलक नजर आती है. फिल्म में एक डायलॉग है जिसमें राजकुमार कहते हैं 'इस प्ले को दिल से देखिए दिमाग से नहीं'. इस फिल्म के लिए भी हम यही कहना चाहेंगे कि ये दिल से देखी और समझी जाने वाली फिल्म है.

  • फिल्म में पंजाबी फ्लेवर और कॉमेडी का भी तड़का लगा है. फिल्म को पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है.

  • फिल्म थोड़ी स्लो है. फिल्म खत्म होने तक किरदार खुद को स्टैबलिश ही करती रहती है.

  • फिल्म एक बोल्ड मुद्दे पर बनी है और ऐसे में कई लोगों को इस फिल्म का सब्जेक्ट शायद पसंद न आए.