दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बायोपिक के निर्माताओं के जवाब का इंतजार कर रहा है. यह बायोपिक पांच अप्रैल को रिलीज होनी है. निर्वाचन आयोग का मानना था कि फिल्म आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती है.

पूर्वी दिल्ली के निर्वाचन अधिकारी के महेश ने फिल्म ‘‘पीएम नरेन्द्र मोदी’’ के विज्ञापन प्रकाशन के लिए प्रोडक्शन हाउस, म्यूजिक कंपनी और दो समाचार पत्रों को 20 मार्च को स्वत: नोटिस जारी किये थे. फिल्म के विज्ञापन प्रकाशन को आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है.

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि संबंधित पक्षों को जवाब देने के लिए 30 मार्च तक का समय दिया गया है.

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कांग्रेस ने भी की थी चुनाव आयोग से शिकायत

लोकसभा चुनाव से पहले इस फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग करते हुए कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंची. आयोग के समक्ष अपना प्रतिवदेन देने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस फिल्म को बनाने और चुनाव से ऐन पहले इसे रिलीज का मकसद राजनीतिक फायदा उठाना है.

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सिब्बल ने कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग से कहा है कि प्रधानमंत्री के जीवन पर एक फिल्म बनी है और इसे कुछ चुनाव से कुछ दिनों पहले रिलीज किया जा रहा है. इसका मकसद राजनीतिक फायदा उठाना है. इस फिल्म को बनाने वाले लोगों का ताल्लुक भाजपा से है.’’  एक सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया, ‘‘इस फिल्म का विषय वस्तु, समय और मकसद सब राजनीतिक है.’’

गौरतलब है कि विवेक ओबरॉय अभिनीत ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को आगामी पांच अप्रैल को रिलीज किया जाना है. फिल्म के निर्देशक उमंग कुमार हैं तथा इसके निर्माता सुरेश ओबरॉय एवं संदीप सिंह हैं.