फिल्म की रिलीज के महज कुछ दिन पहले फिल्म के नाम में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर इमरान ने आईएएनएस से कहा, "सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) के सदस्यों ने शीर्षक को भ्रामक पाया. उनके अनुसार, हमारी फिल्म भारत को नकारात्मक संदर्भ में दिखा रही है, लेकिन यह वही है.. जो हम दिखा रहे हैं. वह व्यवस्था का दर्पण है.. उन्हें इस बात को समझना चाहिए."
उन्होंने कहा कि आखिर में यह शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करती है. उन्होंने कहा, "मौलिक रूप से, अगर सिस्टम में एक खुली और विश्लेषणात्मक सोच है, तो आप ऐसी अतार्किक बातें नहीं करेंगे. फिल्म के शीर्षक को अंतिम क्षण में बदलने का कोई मतलब नहीं है."
हाशमी ने शुक्रवार को यहां फिल्म के प्रचार के दौरान आईएएनएस को बताया, "'चीट इंडिया' टाइटल एक साल से रहा, सीबीएफसी ने हमारे सभी प्रोमो पहले ही मंजूर कर लिए थे, लेकिन अब उन्होंने जो किया है, वह बिल्कुल अतार्किक है. इसमें कोई तर्क नहीं है."
हालांकि, उन्हें लगता है कि शीर्षक परिवर्तन फिल्म के मकसद को प्रभावित नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि दर्शक इतने परिपक्व हैं कि वे किसी खास फिल्म को जज कर सकते हैं.