बॉलीवुड स्टार इमरान हाशमी का कहना है कि वह कभी भी इस बात पर ध्यान नहीं देते कि बॉलीवुड का हीरो कैसा होना चाहिए. वह अपने दर्शकों के लिए संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं. अभिनेता ने कहा कि उनके दर्शक दो तरह के हैं एक वह जो उन्हें प्रयोग करते देखना चाहते हैं और दूसरे वे जो उन्हें उनके पारंपरिक किरदारों से प्यार करते हैं.
हाशमी ने "मर्डर", "जन्नत", "वन्स अपॉन ए टाइम इन मुम्बई" जैसी लोकप्रिय फिल्में करने के साथ ही "शंघाई"और "घनचक्कर" जैसी अलग फिल्में भी की हैं. ऐसे में वह कहते हैं कि दर्शकों की पसंद के बीच संतुलन बनाना एक संघर्ष है.
इमरान ने बताया कि दर्शकों की पसंद के बीच संतुलन बनाना एक संघर्ष है. वे हमेशा आपको एक विशेष तरह के किरदार में देखना चाहते हैं और फिर जब आप उससे बाहर निकलते हैं तो बहुत से लोग स्वीकार नहीं कर पाते हैं. यह बात हमारे दर्शकों के लिए सच साबित होती है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के मामले में ऐसा नहीं है.
अभिनेता ने कहा कि भारत में नायक को क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए, इसकी कुछ निर्धारित धारणाएं बन गई हैं.
हाशमी अब संजय गुप्ता की "मुंबई सागा" और "चेहरे" में नजर आएंगे. “चेहरे” में हाशमी के साथ महानायक अमिताभ बच्चन ने भी नजर आने वाले हैं.