Falguni Pathak Career: 'चूड़ी जो खनके हाथों में', 'मैंने पायल है छनकाई', और'मेरी चूनर उड़-उड़ जाए' जैसे गाने गाकर सबका दिल जीतने वालीं फाल्गुनी पाठक को 'गरबा क्वीन' भी कहा जाता है. फाल्गुनी 90 के दशक की वो सिंगर हैं जो रातोंरात स्टार बन गईं. उन्होंने कई एल्बम सॉन्ग्स को अपनी आवाज देकर घर-घर में अपनी पहचान बनाई. लेकिन रातोंरात स्टारडम पाने वालीं फाल्गुनी आज कहीं गुमनाम हो गई हैं.
फाल्गुनी पाठक की आवाज में वो जादू था कि लोग उनके गाने सुनकर आज भी थिरकने लगते हैं. उनके फेमस गानों 'चूड़ी जो खनके हाथों में' और 'मैंने पायल है छनकाई' का रीमिक्स भी बना लेकिन उन्हें वो फेम न मिल सका जो फैंस ने फाल्गुनी के ओरिजिनल गाने को दिया और मिलता भी कैसे गरबा क्वीन की आवाज का मुकाबला इतना आसान जो नहीं.
रिलीज होते ही हिट हो जाते थे फाल्गुनी के गाने
फाल्गुनी पाठक ने साल 1998 से 2002 तक अपने गानों से लोगों के दिलों पर राज किया. उनके गानों का फैंस बेसब्री से इंतजार किया करते थे. उस दौर में फाल्गुनी के गानों का एक अलग क्रेज था और यही वजह है कि उनके गाने रिलीज होते ही धूम मचा देते थे. फाल्गुनी ने 1998 में अपना पहला एल्बम सॉन्ग 'याद पिया की आने लगी' रिकॉर्ड किया जिसने लोगों के दिमाग पर ऐसा जादू किया जिसका खुमार सालों तक उनके दिलों-दिमाग पर सवार रहा.
एक गलती ने तबाह किया करियर
अब सवाल है कि एक दौर में अपनी आवाज का जादू चलाने वालीं फाल्गुनी ने कभी फिल्मों के लिए गाना क्यों नहीं गाया और आज वे कहां गुमनाम हैं? दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जब फाल्गुनी का पहला गाना हिट हुआ और वे एक स्टार सिंगर बन गईं तो उनके पास कई म्यूजिक डायरेक्टर्स के ऑफर आए लेकिन फाल्गुनी ने उन्हें साफ तौर पर रिजेक्ट कर दिया. फाल्गुनी का कहना था कि बॉलीवुड के गाने में डबल का मेहनत करनी पड़ती है.
लाइमलाइट से दूर अब ये कर रहीं फाल्गुनी पाठक
फाल्गुनी पाठक ने बॉलीवुड में गाने के मौके को गंवा दिया और शायद यही उनके करियर की सबसे बड़ी गलती साबित हुई. आज सिंगर लाइमलाइट से काफी दूर हो गई हैं और महज गुजरात तक सिमटकर रह गई हैं. वे डांडिया नाइट्स और गरबा में अपनी आवाज का जलवा दिखाती हैं.
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