माधुरी दीक्षित: कभी नटखट, कभी शैतान कभी नज़ाकत है इनकी पहचान!
माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) को यूं ही धक धक गर्ल नहीं कहते. खांसी से भी दिल जीत लेने का हुनर जानती हैं ये. ये नज़रें उठा दें तो दिल घायल होते हैं और पलकें झुकाएं तो लग जाता है उस घायल दिल पर मरहम.
अबोध की मासूम गौरी से दिल की शैतान मधु तक और हम आपके हैं कौन की चुलबुली निशा से लेकर नज़ाकत से भरी चंद्रमुखी तक... 38 सालों में माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) ने अपना हर रंग और अदा दिखाई है. अभिनय के इन अद्भुत रंगों से जीता है हर किसी का दिल.
माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) को यूं ही धक धक गर्ल नहीं कहते. खांसी से भी दिल जीत लेने का हुनर जानती हैं. ये नज़रें उठा दें तो दिल घायल होते हैं और पलकें झुकाएं तो लग जाता है उस घायल दिल पर मरहम. माधुरी की हर अदा कमाल है और पर्दे पर उनकी इन्हीं अदाओं का हर शख्स है दीवाना. मोहिनी, मधु, राधा, निशा, कजरी, पूजा, चंद्रमुखी, बेगम पारा या रज्जो... ऐसे न जाने कितने किरदार है जो माधुरी के अभिनय से यादगार बन गए. हर बार हर अदा नई...अंदाज नया.
हम आपके हैं कौन की चुलबुली निशा को भला कौन भूल सकता है. याद है जब मोहनीश बहल लेकर आते हैं उनके घर बारात. और सलमान संग माधुरी करती हैं मज़ाक. फिल्म का ये सीन आइकॉनिक है. वहीं अंजाम में माधुरी ने अभिनय के कई रंग दिखाए. उन्हें देख लोग हंसे भी, रोए भी और सहमे भी. अब दिल की मधु के बारे में हम क्या कहें. आमिर संग उनका रिश्ता दोस्ती और प्यार से ज्यादा दुश्मनी का दिखा था. इस रोल को उन्होंने बखूब निभाया. डेढ़ इश्कियां की बेगम पारा...नाज़ और नज़ाकत से भरी.
माधुरी... जिनकी मखमली मुस्कान में आज भी वही जादू बरकरार है जो 30 साल पहले था. आज भी चेहरे से वही नूर बरसता है और आज भी फ़नकारा में बरकरार है एक्टिंग का वो हुनर जिसमें भावनाओं के अलग अलग रूप नजर आते हैं. वो हंसती हैं तो हम भी हंसते और वो रोतीं हैं हमें भी रूलाने का माद्दा आज भी रखती हैं.
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