SMA Dil ka Langar:  ज्यादातर लोग संगीत को मनोरंजन का एक साधन मानते है लेकिन संगीत एक ऐसी दवा है, एक ऐसा इलाज है जो बड़े बड़े गम को भुला दे और गंभीर बीमारी से लड़ रहे लोगो मे एक नई ऊर्जा और उत्साह भर दे, और इसी काम को बखूबी कर रहे है जानेमाने संगीत के जादूगर शंकर महादेवन।


दरअसल शंकर महादेवन की संगीत एकेडमी है जिसका नाम है शंकर महादेवन अकादमी जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगीत की शिक्षा दी जाती है लेकिन शंकर महादेवन इसे सिर्फ संगीत सिखाने का माध्यम नहीं बनाना चाहते थे यह इससे कुछ और बड़ा करना चाहते थे जिससे कि गरीब लोगों को और अकेलेपन की जिंदगी जी रहे लोगों को भी फायदा मिल सके और उनकी ख्वाहिश को पूरा किया उनके पार्टनर और उनके साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले उनके दोस्त श्रीधर रंगनाथन ने।


शंकर महादेवन बताते है कि अपने दोस्त श्रीरंगनाथन के साथ मिलकर SMA निर्वाण, दिल का लंगर नामक इस मंच की शुरुआत की जिसमें ऑनलाइन संगीत के जरिए मायूस और परेशान लोग चेहरे पर लाई जाती हैं खुशियां।


कोरोना काल में की थी शुरूआत


संगीतकार और गायक शंकर महादेवन के मुताबिक एक साल पहले ही SMA निर्वाण की शुरुआत हुई. कोरोना काल के दौरान मरीजों में ऑनलाइन संगीत के जरिए उत्साह और खुशियां भरने की कोशिश शुरू की और उनका यह प्रयास रंग लाया आज वह इसको अपनी मुहिम बना चुके है. आज शंकर महादेवन अकादमी उन तमाम मरीजों और अकेलेपन की जिंदगी जी रहे लोगों के लिए ऑनलाइन संगीत के जरिये खुशियां बांटने का काम कर रही हैं.


शंकर महादेवन बताते हैं कि उनकी शंकर महादेवन अकादमी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को ऑनलाइन संगीत सिखाने का काम करती है और आज उनके साथ तमाम ऐसे तमाम संगीत के कलाकार जुड़ चुके हैं जो उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उनकी इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं.


दुनिया भर के एनजीओ और अस्पतालों के साथ कर रहे हैं काम


महादेव बताते हैं कि आज दुनिया भर के दर्जनों एनजीओ अस्पताल और केयर सेंटर उनके साथ जुड़े हैं और जब भी वो उनसे संपर्क करते हैं और उनके वृद्धा आश्रम या अस्पताल या फिर मरीजों के लिए संगीत का कोई कार्यक्रम करने की बात आती है तो उनकी यह संस्था फ्री में ऑनलाइन संगीत के कार्यक्रम का आयोजन करती है और उन मायूस और परेशान लोगों की जिंदगी में खुशियां भरने के लिए वह हरदम तैयार रहते हैं.


शंकर महादेवन बताते हैं कि साल के 365 दिन वो संगीत के माध्यम से ऐसे मरीजों और मायूस लोगों की सेवा कर रहे हैं और अब उनकी संस्था की ये एक मुहिम बन चुकी है.


होता है नई खुशी का एहसास


वह बताते हैं कि संगीत के माध्यम से भले ही उन्होंने बहुत पैसे कमाए हैं. नाम कमाया है. बड़े-बड़े प्रोग्राम किए हैं. अपने संगीत को उन्होंने बिजनेस मॉडल तैयार किया हो लेकिन जब से उन्होंने SMA निर्वाण के तहत दिल के लंगर की शुरुआत की है और संगीत के माध्यम से उन तमाम मायूस और मायूस चेहरों पर मुस्कान लाना शुरू किया है तब से उनके जीवन में एक नया आनंद और उत्साह देखने को मिल रहा है उन्हें एक नई ख़ुशी का एहसास हो रहा है.


तैयार करनी पड़ी टीम


साथ ही दर्जनों NGO, केअर सेंटर और सोशल इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर वो संगीत के जरिये ऐसे लोगो तक पहुचने की कोशिश कर रहे है. आज उनकी यह मुहिम इतनी आगे बढ़ चुकी है कि SMA निर्वाण के तहत होने वाले कार्यक्रमों के लिए उन्हें पूरी एक टीम तैयार करनी पड़ी है और उनके कई स्टाफ के लोग इससे जुड़ कर काम कर रहे हैं. ताकि मरीजो और परेशान लोगो मे संगीत के जरिये उनके चेहरों पर खुशियां और होठो पर मुस्कान लाने का प्रयास लगातार जारी रहे.


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