केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के साथ पहलाज निहलानी की तनातनी खत्म हो गई है. उनकी फिल्म 'रंगीला राजा' को फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) ने तीन दृश्यों में कांटछांट के साथ हरी झंडी दिखा दी है. इससे पहले जांच समिति ने 20 दृश्यों की कांटछांट करने के आदेश दिए थे.

लेकिन पूर्व सीबीएफसी प्रमुख निहलानी के अनुसार, यह कांटछांट भी न्यायसंगत नहीं है. निहलानी ने कहा, "मेरे द्वारा रामायण और महाभारत से नाम इस्तेमाल करने पर उन्हें आपत्ति है. क्या वे यह सोचते हैं कि इन धर्मशास्त्रों पर उनका स्वामित्व है? पवित्र ग्रंथ हम सबके लिए हैं और हम जानते हैं कि कैसे उनका सम्मान करना चाहिए."



फिल्मकार ने कहा, "उन लोगों ने यह भी महसूस किया कि फिल्म में मैंने महिलाओं का अपमान किया है. बतौर फिल्मकार अपने 40 साल के करियर में मैंने ऐसा कभी नहीं किया है. हमारे परिवार में महिलाएं सब कुछ संभालती हैं."

उनका मानना है कि सीबीएफसी ने उनसे बदला लेने के लिए यह सब किया है. निहलानी ने कहा, "चूंकि, मैं सीबीएफसी चेयरमैन था और अब मैं नहीं हूं, तो उन लोगों ने मुझे सबक सिखाने का फैसला किया. 20 दृश्यों में कांटछांट करने का उनका आदेश पूरी तरह से अवांझित, अन्यायपूर्ण और अनुचित था."



उन्होंने सेंसर बोर्ड के मौजूदा प्रमुख प्रसून जोशी का जिक्र करते हुए कहा, "अगर मैं सीबीएफसी अध्यक्ष होता तो अपनी फिल्म में एक जगह भी कांटछांट करने का आदेश नहीं देता. लेकिन, फिर मैं यह भी नहीं जानता कि मेरे उत्तराधिकारी कहां हैं? सीबीएफसी के शिकंजे से अपनी फिल्म को छुड़ाने के दौरान मैं उनसे कभी नहीं मिला." गोविंदा अभिनीत फिल्म को अब मंजूरी मिल गई है और निहलानी इसे 11 जनवरी को रिलीज करेंगे.