देश प्रेम पर बनी फिल्म: नौजवानों के क्रांतिकारी बनने की कहानी है आमिर खान की 'रंग दे बसंती'!
Film On Patriotism: देश के युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई फिल्म रंग दे बसंती कुछ ऐसे युवाओं की कहानी को दर्शाती है कि जो वक्त आने पर देश के लिये जान देने से भी पीछे नहीं हटते.
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Bollywood Film On Patriotism: देश प्रेम का जज़्बा युवाओं को अपने देश की बेहतरी के लिए कुछ कर गुज़रने के लिए हमेशा प्रेरित करता है. कई बार युवा सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं तो कुछ अपना सामाजिक दायित्व निभाकर देश को सही दिशा में ले जाने की कोशिश करते हैं. कई युवा देश की उन्नति के लिए हर तरह से कोशिश करते हैं. हालांकि कई युवा ऐसे होते हैं, जिनमें वक्त पड़ने पर ही देश प्रेम का जज़्बा जागता है. ऐसे ही कुछ युवाओं की कहानी है फिल्म 'रंग दे बसंती'.
राकेश ओमप्रकाश मेहरा के निर्देशन में बनी फिल्म 'रंग दे बंसती' भी देश प्रेम के अलग ही तेवर को दिखाती है. इस फिल्म में आमिर खान, शर्मन जोशी, कुणाल कपूर, सोहा अली खान, ऐलिस पैटन, सिद्धार्थ, अतुल कुलकर्णी, ओम पुरी, अनुपम खेर और आर माधवन जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं.
कहानी
इस फिल्म की कहानी अनोखी है. यही वजह है कि इसे फिल्मफेयर का बेस्ट फिल्म का पुरस्कार मिला. इसके अलावा भी इसे कई और अवॉर्ड मिले. फिल्म की कहानी में एक युवा ब्रिटिश फिल्मकार सू (ऐलिस पैटन) है, जो अपने दादा की एक डायरी लेकर भारत आती है, जिसमें भारत के क्रांतिकारियों चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल और उनके अन्य साथियों के जीवन के बारे में लिखा है.
सू इसी डायरी पर एक डॉक्युमेंट्री बनाना चाहती है, लेकिन उसके पास बजट की कमी होती है और इसी वजह से वह दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों के साथ इस फिल्म को बनाने का फैसला करती हैं. अपनी फिल्म के लिए के सू डीजे यानी आमिर खान और उनके दोस्तों का चयन करती हैं. डीजे और उनके दोस्तों की जिन्दगी बहुत सही चल रही होती है कि तभी उनकी दोस्त सोनिया के मंगेतर यानी माधवन की विमान हादसे में मौत हो जाती है. इस मामले में डीजे और उनके दोस्त जब न्याय हासिल करने में फेल हो जाते हैं तो वे लोग चन्द्रशेखर आजाद और भगत सिंह के रास्ते पर चल पड़ते हैं.
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