नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता विकी कौशल एक दफा फिर परदे पर सेना की वर्दी में नज़र आएंगे. विकी फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के किरदाक को सिनेमाई परदे पर निभाएंगे. फिल्म 'राज़ी' के बाद ये दूसरा मौका है जब निर्देशक मेघना गुलज़ार और विकी कौशल एक साथ किसी फिल्म में काम करेंगे. मेघना गुलज़ार ने आज इस फिल्म का फर्स्ट लुक भी जारी कर दिया है.


मेघना गुलज़ार और विकी कौशल ने अपने सोशल मीडिया के ज़रिए आज फिल्म का फर्स्ट लुक जारी किया. आज का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि आज फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की पुण्यतिथि है. मेघन ने विकी का फिल्म का फर्स्ट लुक शेयर करते हुए लिखा, "सैनिकों का सैनिक. जेंटलमैन का जेंटलमैन. फील्ड मार्शल मानेकशॉ की पुण्यतिथी पर उनकी याद में. ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं भारत के सबसे महान जंग के हीरो की कहानी बताने जा रही हूं. विकी कौशल इस ऐतिहासिक शख्स का किरदार निभा रहे हैं."






मेघना गुलज़ार ने मुंबई मिरर से बात करते हुए कहा है कि ये फिल्म बायोपिक नहीं है. उन्होंने कहा कि ये बायोपिक नहीं है क्योंकि ये सैम मानेक शॉ की जिंदगी को सिर्फ कालक्रम के अनुसार रिकॉर्ड नहीं करता. उन्होंने कहा, "हमें एक इंट्रेस्टिंग कहानी गढ़ने की ज़रूरत है. इसमें हम उनकी ज़िंदगी के सबसे महत्वपूर्ण, प्रतिष्ठित और प्रासंगिक घटनाओं को लेंगे, सैनिक के नज़रिए को शामिल करेंगे. एक इंसान के तौर पर और एक फील्ड मार्शल के तौर पर."


इस फिल्म का लेखन 'राज़ी' की लेखक रहीं भवानी अय्यर और 'बधाई हो' का लेखन करने वाले शांतनू श्रीवास्तव ने किया है. फिल्म अगले साल रिलीज़ हो सकती है.






गौरतलब है कि फिल्म 'राज़ी' में विकी कौशल ने पाकिस्तानी सैनिक का किरदार निभाया था, जबकि फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' में वो भारतीय सैनिक के तौर पर नज़र आए थे. दोनों ही फिल्मों में विकी ने अपने शानदार अभिनय से हर किसी का दिल जीता था. अब एक बार विकी एक फील्ड मार्शल के तौर पर दिखाई देने वाले हैं.





कौन हैं मानिकशॉ?
फील्ड मार्शल सैम मानिकशॉ भारतीय सेना के अध्यक्ष (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ -COAS) थे. उनको 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान सेना की अगुवाई करने के लिए जाना जाता है. वो सैम बहादुर के नाम से भी मशहूर थे. इसके अलावा वो पहले भारतीय अधिकारी थे जिन्हें एक फील्ड मार्शल का पद मिला था. आजाद भारत के सबसे कामयाब कमांडरों में उनकी गिनती की जाती है. उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है.