Independence Day: जानिए Indira Gandhi के खिलाफ Kishore Kumar की दिलेरी का किस्सा
Kishore Kumar was banned by Indira Gandhi किशोर कुमार, (Kishore Kumar) जिनकी आवाज आत्मा में गहरे उतर कर दिल को रुई के फाहे में तब्दील कर देती थी.
Kishore Kumar was banned by Indira Gandhi: किशोर कुमार, (Kishore Kumar) जिनकी आवाज आत्मा में गहरे उतर कर दिल को रुई के फाहे में तब्दील कर देती थी. 'ओ मेरे दिल के चैन, से लेकर हमें तुमसे प्यार कितना' जैसे सैकड़ों गाने हैं जिन्हें दिन के किसी भी पल सुना जा सकता है. ये किशोर कुमार की आवाज का जादू ही है जो चैटिंग और टेक्स्टिंग के इस दौर में भी युवाओं की दिल की धड़कन बना हुआ है. किशोर कुमार अपनी आवाज को लेकर जितने प्रख्यात थे उतने ही अपने किस्सों को लेकर प्रख्यात हैं. तो चालिए आपको बताते हैं उनकी दिलेरी का वो किस्सा जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए गाना गाने से कर दिया था इंकार.
इंदिरा गांधी को किया था इंकार
1975 दौर था आपातकाल का, इंदिरा गांधी ने अपनी नीतियों को लेकर बीस-सूत्रीय कार्यक्रम बनाया और उसके प्रचार के लिए विद्याचरण शुक्ल को सूचना मंत्री बनाया. मुंबई में कई फिल्म वालों से विद्याचरा के अच्छे संबंध थे और साथ ही विद्या चरण फिल्मों की ताकत जानते थे. अब विद्याचरण चाहते थे कि इंदिरा गांधी और उनके बीस सूत्रीय कार्यक्रम का गुणगान गीतों के माध्यम से किया जाए. इसलिए उन्होंने सूचना मंत्रालय के कुछ अफसरों को किशोर कुमार से मिलने मुंबई भेजा. अफसर किशोर कुमार से मिले और उन्हें बताया कि उन्हें कैसा गीत गाना है. इस पर किशोर ने उन अफसरों को गाली देकर भगा दिया. ये कोई पहली बार नहीं था जब उन्होंने कांग्रेस के लिए काम करने से मना किया हो इससे पहले किशोर कुमार को बंबई में यूथ कांग्रेस की एक रैली में गाने को कहा गया. था और उन्होंने साफ़ मना कर दिया.
किशोर कुमार के गानों पर लगा था बैन
किशोर कुुमार का ये रवैया सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों को पसंद नहीं आया और उन्होंने किशोर कुमार को सबक सिखाने का फैसला किया. सूचना मंत्रालय ने लिखित आदेश जारी कर इस अपराध की सज़ा के तौर पर आकाशवाणी और दूरदर्शन पर किशोर कुमार के गाये सभी गीतों के प्रसारण पर प्रतिबन्ध लगा दिया. इसके अलावा यह भी आदेश दिया गया कि किशोर कुमार के गीतों के ग्रामोफोन रेकॉर्ड्स की बिक्री पर रोक लगा दी जाय.
अफसरशाही कि ग़लतफ़हमी
अफसरशाही को लगा था उनके इस कदम से फिल्म इंडस्ट्री में डर पैदा होगा और विरोध बंद हो जाएगा. हालांकि कुछ हद तक वो सही थे. कुछ कलाकारों ने डर से उनकी सारीे बातें मान ली लेकिन किशोर कुमार जैसे दिलेर ऐसे भी थे जिन्होंने इंदिरा की सरकार का पूरजोर विरोध किया.
वसूलों के साथ नही किया समझौता
देव आनंद, विजय आनंद, राजकुमार, वी शांताराम, उत्तम कुमार और सत्यजित रे ने झुकने से मना कर दिया. यहां तक कि सत्यजित रे ने तो इंदिरा गांधी के उस प्रस्ताव तक को ठुकरा दिया जिसके तहत उन्हें जवाहरलाल नेहरू पर बनने वाली एक फिल्म का निर्देशन करना था. ये ऐसा दौर था जब सोशल मीडिया जैसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं था, कलाकरों के पास जनता तक पहुंचने का रास्ता भी कम था. फिर भी कुछ मुट्ठी भर कलाकरों से अपने वसूलों के साथ समझौता नहीं किया और ऐसे कलाकारों में सबसे पहला नाम किशोर कुमार का था.
ये भी पढ़ें-